इसी कड़ी में राजस्थान सीमा पर लगी चेक पोस्ट को देख आरोपी स्मैक से भरे हुए बैग की जगह दूसरा बैग लेकर उतर गया।
जैसे ही बस राजगढ़ पहुंची यहां कंडेक्टर ने देखा कि कोई लावारिस बैग बस में रखा हुआ है।
जिसकी सूचना कंडेक्टर ने डॉयल 100 के माध्यम से पुलिस को दी। शनिवार रात करीब 11 बजे सामने आए इस मामले में पुलिस भी अचंभित रह गई। ऐसे में पूरा मामला एसपी प्रदीप शर्मा और एएसपी नवलसिंह सिसोदिया को बताया, जिस पर उन्होंने एक जाल बिछाया, जिसमें बैग से स्मैक निकालकर बैग में वापस से आटा पैक करते हुए उसी बस में सुबह वापस रख दिया।
साथ ही दो पुलिसकर्मी बस में और शेष निजी वाहन से सिविल ड्रेस में बस का पीछा करते हुए चल रहे थे। जैसा सोचा था वैसा ही हुआ।
जैसे ही बस राजस्थान सीमा पर पहुंची। वैसे ही कमल लोधी पिता गोपीलाल 19 साल पाटलीपुरा झालावाड़ बस में चढ़ा और मौके पर बैग रखे देख वह खुश हुआ और उसने बैग उठाकर अपने पास रख लिया और जैसे ही उतरने लगा। पुलिस ने उसे दबोच लिया।
बाद में पूछताछ में उसने बताया कि यह माल उसके पास बालू सौंधिया पिता भंवरसिंह निवासी बालदा झालावाड़ ने दिया। पुलिस ने बैग से 938 ग्राम स्मैक जब्त की थी। जबकि बाद में बालू को भी ग्राहक बनकर पुलिस ने बुलाया तो वह 50 ग्राम स्मैक लेकर आया। उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
यह कोरियर तो फिर असली खिलाड़ी कौन
पुलिस ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी एक कोरियर की तरह काम करते है। जो माल को यहां से वहां पहुंचाते हैं। सवाल उठता है कि यदि यह कोरियर है तो फिर मादक पदार्थों की तस्करी का असली खिलाड़ी कौन हैं और हर बार पुलिस कोरियर को पकड़कर ही अपनी जांच खत्म क्यों कर देती है। इस मामले में एएसआई अरुण जाट, आरक्षक अशोक, नरेन्द्र सैनी, सादाब खान, मनोज गुर्जर, हरिओम आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इस मामले की जांच जारी रहेगी
दो आरोपी पकड़ाए हैं लेकिन बड़े आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस इन्हें रिमांड पर लेगी और इस मामले की जांच जारी रहेगी। जिन लोगों ने यह खुलासा किया है। उस टीम को दस हजार रुपए का इनाम भी दिया जा रहा है।
प्रदीप शर्मा, एसपी राजगढ़