जिसमें उन्होंने कर्मचारियों को हड़ताल समाप्त करने और उनकी मांगों को अगली बैठक में रखने की बात कहीं है। इस संबंध में प्रदेशाध्यक्ष ने जिलास्तर से कर्मचारियों की राय मांगी थी। जिस पर हड़ताल में शामिल कर्मचारियों ने एक मत होकर मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रखने की बात कहीं है। कल राजगढ़ से कर्मचारियों का एक दल भोपाल पहुचेगा जहां उनके इस निर्णय को प्रांत पदाधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।
इस मौके पर सुभाष विजयवर्गीय, अशोक शर्मा, विजेंद्र झाला लक्ष्मीनारायण नामदेव, राजेश विजयवर्गीय, राजेश शर्मा,बाबूलाल वर्मा ,संतोष त्रिवेदी , गजराज सिंह चौहान, गिरिराज पिपलोटिया, देवेंद्र जाधव प्रमोद व्यास सहित अन्य लिपिक मौजूद रहे।
कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जहां मुआवजा वितरण, राजस्व संबंधी प्रकरण आदि ठप पडे है। वहीं कई विभागों के वेतन ओर कर्मचारियों की पेंशन आदि कार्य अटके हुए है। लिपिकों द्वारा वेतन बिल नहीं बनाने के कारण कर्मचारियों के जुलाई माह का वेतन अटकने की संभावना है। वहीं यदि हड़ताल इसी प्रकार चलती रही तो अगस्त के वेतन के लिए कर्मचारियों को परेशान होना पड़ेगा।
लिपिकों को पूर्व विधायक का मिला समर्थन
वहीं नरसिंहगढ़ अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लिपिकवर्गीय कर्मचारी बुधवार को भी हड़ताल पर डटे रहे। पूर्व विधायक मोहन शर्मा ने हड़ताल स्थल पर जाकर लिपिकों को अपना समर्थन दिया और उनकी मांगों को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। लिपिकों का कहना है कि रमेशचंद शर्मा समिति की अनुशंसाओं की स्वीकृति के बाद भी शासन मनमानी कर रहा है। इस अनुशंसा के पालन में आदेश जारी नहीं किए जा रहे है। वेतन विसंगति सहित कई ऐसे मुद्दे है। जिन्हें पूरा करने के लिए लिपिक लगातार मांग कर रहे है। लेकिन शासन उनकी मांगों को अनदेखा कर रहा है। हड़ताल में नगेंद्रपाल सिंह झाला, राजेन्द्र शर्मा, डीके भार्गव, एनपीसिंह झाला, नरेंद्र शर्मा, मोहनसिंह बीकावत, चंद्रशेखर शर्मा, रंजनसिंह गौतम, सोहन शर्मा, श्रीकांत शर्मा, दिलीपसिंह परमार, ओपी शर्मा, चंद्रेशसिंह आदि मौजूद थे। लोकेंद्र महावर, जगदीश पुरी, गिरीश शर्मा आदि शामिल है।