दिनभर मंडी में सन्नाटा छाया रहा, वही हम्माल-तुलावटी पारिश्रमिक दरों में दस प्रतिशत की वृद्धि किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। अपनी मांग को लेकर हम्माल-तुलावटी विधायक गिरीश भंडारी से भी मुलाकात की। जिस पर विधायक ने मंडी सचिव से फोन पर चर्चा कर समस्या के नियमानुसार निराकरण के निर्देश दिए।
हालांकि हम्माल-तुलावटी 10 प्रतिशत वृद्धि की मांग पर डटे हुए हैं। व्यापारी 10 प्रतिशत वृद्धि दो वर्षों के लिए करने को तैयार है, जबकि हम्माल-तुलावटी एक वर्ष के लिए 10 प्रतिशत वृद्धि की बात कह रहे है। फि लहाल मंगलवार को समस्या का कोई हल नहीं निकलने के चलते आज बुधवार को भी मंडी बंद रहेगी।
किसान यूनियन ने दी आंदोलन की चेतावनी
वही समर्थन मूल्य पर चल रही चना, मसूर खरीदी में तौल कांटों में हो रही गड़बड़ी को लेकर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन ने खरीदी स्थल पहुंचकर हंगामा किया।
वही समर्थन मूल्य पर चल रही चना, मसूर खरीदी में तौल कांटों में हो रही गड़बड़ी को लेकर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन ने खरीदी स्थल पहुंचकर हंगामा किया।
प्रदेश उपाध्यक्ष रामकिशन दांगी, प्रदेश प्रवक्ता नारायणसिंह यादव, जिला पदाधिकारी मनोहर मीणा का आरोप है कि नेफेट से सोसायटियों को मिलने वाले वारदान के वजन अनुसार 580 ग्राम कटौती करने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन यूनियन के सदस्यों ने बताया कि वर्तमान में वारदान का वजन 400 से 500 ग्राम होने के बावजूद किसानों से 600 ग्राम तक की कटौती कर लूटपाट की जा रही हैं।
इसके अलावा यूनियन ने किसानों के अच्छे माल में भी चलना लगवाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बड़े आंदोलन की बात कही हैं। हम्माल-तुलावटी और व्यापारियों से बातचीत चल रही हैं। जल्द ही समस्या को सुलझा लिया जाएगा। फि लहाल बुधवार को भी मंडी में घोष विक्रय बंद रहेगा।
– आरके जैन, मंडी सचिव नरसिंहगढ़
– आरके जैन, मंडी सचिव नरसिंहगढ़
हम्माल-तुलावटी की मांगों के संबंध में मंडी अधिकारियों से चर्चा की हैं। मंडी में हड़ताल खत्म करवाने का भी प्रयास कर रहे हैं। हालांकि सरकार की नीतियो का खामियाजा भुगत रहे किसानों के मन में सरकार के प्रति तीखा आक्रोष व्याप्त हैं।
– गिरीश भंडारी, विधायक नरसिंहगढ़
इधर, धूप में खुले आसमान के नीचे खरीदारी, टीनशेड किराए पर!
वहीं ब्यावरा में ए-ग्रेड कही जाने वाली जिले की सबसे बड़ी मंडी में किसानों को मूल सुविधाएं भी नहीं मिल रही। टीन शेड की बजाए किसान खुले आसमान के नीचे भरी गर्मी में उपज बेचने को मजबूर हैं।
वहीं ब्यावरा में ए-ग्रेड कही जाने वाली जिले की सबसे बड़ी मंडी में किसानों को मूल सुविधाएं भी नहीं मिल रही। टीन शेड की बजाए किसान खुले आसमान के नीचे भरी गर्मी में उपज बेचने को मजबूर हैं।
दरअसल, आवक बढऩे की स्थिति में किसानों को खुले में ही अपनी उपज बेचना होती है। खेर्ची तौर पर कम मात्रा में उपज लाने वाले किसानों के लिए मंडी प्रशासन द्वारा बंबई बाजार (खुला शेड बबूल के पेड़ वाला) तय कर रखा है,लेकिन मंडी के ही कुछ कर्मचारियों ने अपने फायदे के चलते कुछ व्यापारियों को वह दे दिया। ऐसे में किसान तो धूप में परेशान होते हैं।
ताले में किसान विश्राम गृह, पीने का पानी नहीं
कृषि मंडी में लापरवाही का आलम यहीं खत्म नहीं होता। किसानों की सुविधा के लिए बनाया गया कृषक विश्राम गृह बीते तीन सालों में आज तक नहीं खुला। कहीं कांच फुटे हैं तो कहीं गदंगी जमा है।
कृषि मंडी में लापरवाही का आलम यहीं खत्म नहीं होता। किसानों की सुविधा के लिए बनाया गया कृषक विश्राम गृह बीते तीन सालों में आज तक नहीं खुला। कहीं कांच फुटे हैं तो कहीं गदंगी जमा है।
मुख्य गेट का तो ताला तक नहीं खुलता। किसानों के लिए बने विश्राम गृह में रुकना तो दूर किसानों के लिए पीने के पानी और शौचालय तक की व्यवस्था मौजूद स्थिति में नहीं है। इसीलिए किसानों को भरी गर्मी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मंडी में विकास कार्यों का दावा करने वाले प्रबंधन की पोल हाल ही में बनाए गए डामरीकरण में खुल गई। करोड़ों की लागत से बने उक्त रोड को प्रबंधन ने कुछ ही हिस्से में बनाया है और उसमें भी धूल में ही डामर की परत चढ़ा दी गई। इससे आप मंडी में विकास कार्यों के ग्रॉफ का अंदेशा लगा सकते हैं। इसके अलावा पूरे परिसर में लैम्प लगवाने का दावा करने वाला प्रबंधन एक जगह भी एक भी लैम्प नहीं लगवा पाया।
मंडी में जरूरत पडऩे पर हम सभी टीन शेड का उपयोग करते हैं। फिर भी जहां किसानों को खुले में बोली लगवाना पड़ती है उसे बबूल वाले टीन शेड पर शिफ्ट कर देंगे। जहां तक ट्रैफिक व्यवस्था की बात है तो हम उसे सुधरवाते भी हैं।
– आरके रावत, सचिव, कृषिउपज मंडी समिति, ब्यावरा
– आरके रावत, सचिव, कृषिउपज मंडी समिति, ब्यावरा