scriptशहर में कुत्तों का आतंक, हर दिन बच्चों को बना रहे निशाना | Terror of dogs in the city, children are being targeted every day | Patrika News
राजगढ़

शहर में कुत्तों का आतंक, हर दिन बच्चों को बना रहे निशाना

– कहां गई जिम्मेदारों की संवेदना- सुदामा नगर में 25 लोगों को काट चुका है कुत्ता, फिर भी नपा का ध्यान नहीं

राजगढ़Dec 14, 2019 / 05:23 pm

Rajesh Kumar Vishwakarma

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ब्यावरा. नुक्कड़-चौराहों पर सफाई कर फोटो सेशन पर भरोसा रखने वाली नगर पालिका परिषद को जनता की दर्द से कोई लेना-देना नहीं है। जिलेभर में कलेक्टर के निर्देश पर अवारा श्वान (कुत्तों) पर नपा प्रबंधन शिकंजा नहीं कस पाई है, नतीजा कुत्ते रोजाना बच्चों को निशाना बना रहे हैं।
गुरुवार रात सुदामा नगर में एक 09 साल के मासूम बच्चों को दूसरी बार कुत्ते ने काट लिया। उक्त कुत्ता अभी तक करीब 25 लोगों को निशाना बना चुका है। इसके अलावा शहर की अन्य विभिन्न कॉलोनियों में कुत्तों के कारण जनता परेशान है लेकिन कागजों में ही विकास करने पर भरोसा करने वाली नगर परिषद कुत्ते तक नहीं पकड़ पा रही है।
इससे शहर की तमाम पॉश और सामान्य कॉलोनियों में रहने वाले लोग दहशत में है। उनका कहना है कि बच्चों हमेशा बाहर रोड पर ही खेलते रहते हैं ऐसे में कुत्तों के कारण उनका बाहर निकल पाना मुश्किल हो रहा है।

सुदामा नगर में एक ही बच्चे को दो बार काटा
सुदामा नगर में रहने वाले नौ साल के मासूम मृदुल सोनी को दोबारा कुत्ते ने काट लिया। वह अपने माता-पिता के साथ बीच में बैठकर कहीं जा रहा था, तभी कुत्ते ने झपककर चलती गाड़ी में उसे काट लिया। इससे पहले कॉलोनी के ही प्रवीण परमार को भी इसी कुत्ते ने काट लिया था। बताया जाता है कि अन्य लोगों को भी कुत्ता निशाना बना चुका है। बावजूद इसके कोई इस ओर ध्यान नहीं देता।
कॉलोनी की समाजसेवी और मृदुल की माताजी कंचन सोनी ने बताया कि प्रशासन को कई बार आगाह कर देने के बावजूद कोई ध्यान नहीं देता। आज हमारा ब”ो को निशाना बनाया है कल से अन्य भी रहते हैं। उन्होंने और कॉलोनीवासियों ने नपा प्रबंधन से कार्रवाई की मांग की है।
विडंबना : जिले में कहीं नहीं एंटी-रैबिज
एक तरफ ब”ो सहित बड़ों को कुत्ते निशाना बना रहे हैं वहीं, दूसरी ओर जिले में कहीं भी कुत्ते का उपचार ही नहीं है। यदि किसी को कुत्ते ने काट लिया तो सीधे भोपाल ले जाना पड़ेगा या निजी स्तर पर उपचार कराना होगा। मृदुल को भी उनके माता-पिता निजी नर्सिंग होम ले गए, जहां इंजेक्शन मिला। सिविल अस्पताल में लंबे समय से एंटी रैबिज नहीं है। इससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय के हालात भी ऐसे ही हैं। शासन स्तर पर अभी तक रैबिज मुहैया नहीं करवाया गया। इससे खासी परेशानियों का सामना आम जनता को करना पड़ रहा है।
टीम भिजवाकर बाहर करवाता हूं
हमने अभियान शुरू किया है, कुछ हिस्सों से श्वान को बाहर छुड़वाया भी है। उक्त क्षेत्र में भी हम टीम भिजवाकर कुत्तों को बाहर भिजवाएंगे।
– इकरार अहमद, सीएमओ, नपा, ब्यावरा
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