मामले में एसपी प्रदीप शर्मा ने एसडीओपी आरएस दंडोतिया और कालीपीठ पुलिस थाने के अवधेश सिंह तोमर और के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता कर इस मामले का खुलासा किया। एसपी के अनुसार चेकिंग के दौरान कालीपीठ पुलिस जब पाटरी जोड़ के पास वाहन चेकिंग कर रही थी, उसी दौरान मुखबिर की सूचना पर दो संदिग्ध वाहन चालक वहां से निकलने की सूचना मिली थी। ऐसे में पुलिस ने दोनों वाहन चालकों को रोकते हुए उनसे वाहन की जानकारी ली। इसमें वे कुछ ज्यादा बता नहीं पाए। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया, इनमें राजगढ़ के पुरा मोहल्ला निवासी श्याम जोशी व राजू उर्फ जमुना नायक उर्फ श्याम शर्मा शामिल थे, जो अपने साथी अनिल जोशी के साथ मिलकर राजस्थान के कोटा झालावाड़ और मध्यप्रदेश के उज्जैन सहित राजगढ़ से बाइक चोरी किया करते थे। इनके पास से 11 बसइक अभी तक जब तक की जा चुकी हैं।
दो हत्या के आरोपी तो तीसरा जिलाबदर
पकड़े गए चोरों में भोपाल में एक हत्या के आरोप में पकड़े गए राजू उर्फ जमुना प्रसाद निवासी नरेला शंकरी भोपाल का निवासी है, जो पिछले दिनों पैरोल पर छूटा था। लेकिन 2016 से यह फ रार है। पुलिस इसकी लंबे समय से तलाश कर रही थी। यह अपनी फ रारी के दौरान जोधपुर-जयपुर, महाराष्ट्र में नाम बदलकर श्याम शर्मा के रूप में रह रहा था। जबकि आरोपी श्याम जोशी खिलचीपुर में एक वृद्ध महिला की हत्या के आरोप में 2004 से सजा काट रहा था। लेकिन पिछले दिनों यह भी सजा के दौरान ही फ रार हो गया था। इसकी राजगढ़ पुलिस को तलाश थी। इनका तीसरा साथी अनिल जोशी जो 2 माह पहले ही जिलाबदर की सजा काट कर वापस आया था। इस पर पूर्व में बलात्कार, चोरी जैसे आरोप भी लग चुके हैं।
पकड़े गए चोरों में भोपाल में एक हत्या के आरोप में पकड़े गए राजू उर्फ जमुना प्रसाद निवासी नरेला शंकरी भोपाल का निवासी है, जो पिछले दिनों पैरोल पर छूटा था। लेकिन 2016 से यह फ रार है। पुलिस इसकी लंबे समय से तलाश कर रही थी। यह अपनी फ रारी के दौरान जोधपुर-जयपुर, महाराष्ट्र में नाम बदलकर श्याम शर्मा के रूप में रह रहा था। जबकि आरोपी श्याम जोशी खिलचीपुर में एक वृद्ध महिला की हत्या के आरोप में 2004 से सजा काट रहा था। लेकिन पिछले दिनों यह भी सजा के दौरान ही फ रार हो गया था। इसकी राजगढ़ पुलिस को तलाश थी। इनका तीसरा साथी अनिल जोशी जो 2 माह पहले ही जिलाबदर की सजा काट कर वापस आया था। इस पर पूर्व में बलात्कार, चोरी जैसे आरोप भी लग चुके हैं।
दो से पांच हजार में बेच देते थे बाइक
पुलिस को चोरों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वे किसी सार्वजनिक स्थान से वाहनों की चोरी करते थे। जैसे ग्राहक मिल जाएं उस हिसाब से इन्हें बेच देते थे। उन्होंने बताया कि बाइक दो से पांच हजार तक में आसानी से बिक जाती है।
पुलिस को चोरों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वे किसी सार्वजनिक स्थान से वाहनों की चोरी करते थे। जैसे ग्राहक मिल जाएं उस हिसाब से इन्हें बेच देते थे। उन्होंने बताया कि बाइक दो से पांच हजार तक में आसानी से बिक जाती है।