scriptजिले की सीमाएं लॉक लेकिन जो जहां है वहां रुकने का कोई प्रबंध नहीं, मजूदर दिनभर ट्रक-कंटेनर्स में सवार होकर जाते रहे | The boundaries of the district are locked, but there is no arrangement | Patrika News

जिले की सीमाएं लॉक लेकिन जो जहां है वहां रुकने का कोई प्रबंध नहीं, मजूदर दिनभर ट्रक-कंटेनर्स में सवार होकर जाते रहे

locationराजगढ़Published: Mar 30, 2020 06:30:41 pm

कैसे रुकेगा कम्यूनिटी ट्रांसमिशन : सरकार के सख्त ऑर्डर का भी असर नहींअस्पताल में नाम मात्र की स्क्रीनिंग, समाजसेवी संस्थाएं खाना दे रहीं लेकिन प्रशासन ने नहीं किए रोकने के कोई इंतजाम

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जिले की सीमाएं लॉक लेकिन जो जहां है वहां रुकने का कोई प्रबंध नहीं, मजूदर दिनभर ट्रक-कंटेनर्स में सवार होकर जाते रहे,ब्यावरा गुना बाइपास पर उक्त मजदूरों को युवा-समाजसेवियों ने खाना खिलाया। इसके बाद वे रवाना हो गए।,जिले की सीमाएं लॉक लेकिन जो जहां है वहां रुकने का कोई प्रबंध नहीं, मजूदर दिनभर ट्रक-कंटेनर्स में सवार होकर जाते रहे,ब्यावरा.पूरी तरह से सील और फुल लॉक डॉउन इंदौर से आए करीब 50-६० मजदूर, जिन्हें न इंदौर में रोकने की जहमत किसी ने उठाई न देवास, शाजापुर और न ही राजगढ़ में, आखिर उन्हें जाना पड़ा।,ब्यावरा.अपने 24 साल के छोटे भाई के साथ भोपाल से आया मुकेश एक पिकअप में सवार होकर मक्सी पहुंचा, फिर वहां से नासिक जाना है, लेकिन उन्हें खाने के अलावा रुकने की कोई व्यवस्था मुहैया नहीं करवाई गई।

ब्यावरा.बड़ी संख्या में पलायन कर अपने गंतव्य को जा रहे मजदूरों के लिए जो जहां है वहीं व्यवस्था का शासन का फरमान कोई असर नहीं कर पाया। न कोई कम्यूनिटी ट्रांसमिशन पर ध्यान दे रहा न ही सोशल डिस्टेंसिंग पर। सोमवार को दिनभर मजदूरों का पलायन जारी रहा, किसी ने कोई ध्यान उन पर नहीं दिया।
दरअसल, जिले की सीमाएं जरूर लॉक हैं लेकिन राजगढ़ सहित समीपवर्ती अन्य जिलों के किसी भी प्रशासनिक जिम्मेदारों ने उन बेसहारा मजदूरों के रुकने का कोई प्रबंध नहीं किया। स्थिति यह है कि कम्प्लीट लॉक डॉउन वाले इंदौर से वे निकलकर आए गए, देवास, शाजापुर में भी उन्हें किसी ने नहीं संभाला। ब्यावरा में भी उनके रुकने का कोई प्रबंध नहीं हुआ। महज औपचारिक स्क्रीनिंग उक्त 50-60 मजदूरों की की गई, फिर गुना बाइपास पर समाजसेवियों द्वारा उन्हें खाना खिलाया गया, इसके बाद वे अपने गंतव्य को रवाना हो गए, लेकिन न उन पर कोई रोकथाम हुई, न सड़क पर वाहनों की आवाजाही थमी। इससे सोशल डिस्टेंस और कम्यूनिटी ट्रांसमिशन को लेकर बरती गई तमाम सावधानियां फेल हो गईं।
ब्यावरा में 50 मजदूरों की स्क्रीनिंग, खाना दिया और रवाना कर दिया
ब्यावरा सिविल अस्पताल में करीब 50 से 60 मजदूरों की प्राथमिक स्क्रीनिंग (तापमान चेकअप) की गई, इसके बाद उन्हें रवाना कर दिया गया। गुना बाइपास पर समाजसेवियों ने उन्हें खाना दिया और वे गुना के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि वे इंदौर में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, वहां, शाजापुर, देवास कहीं भी किसी ने भी रुकने का कोई प्रबंधन उनके लिए नहीं किया। ऐसे में वे एक ट्रक, कंटेनर में बैठकर रवाना हो गए।
भोपाल में रुकने नहीं दिया, भगा दिया
अपने छोटे भाई मुकेश के साथ मालेगांव (महाराष्ट्र) के लिए निकले संजय भोपाल में दिहाड़ी करते हैं। उन्होंने पत्रिका को बताया कि हमें वहां से भगा दिया गया। हमारा एक अन्य साथी था जो किसी ट्रक में चला गया अब हमें महाराष्ट्र जाना है। दोनों भाई खाना खाकर पिकअप में बैठकर मक्सी के लिए निकल गए, उनके रुकने का प्रबंध न भोपाल में हुआ न ही राजगढ़ जिले में।
जो जहां है वहीं व्यवस्था होगी
हमने निर्देश दिए थे कि जो जहां है उन्हें वहीं रोककर किसी हॉस्टल्स या अन्य जगह रोकने के प्रबंध किए जाएंगे। शासन स्तर पर पूरी प्लॉनिंग की जाएगी। मैं एक बार फिर सभी एसडीएम से बात करता हूं, सख्ती से इसका पालन करना होगा।
-नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर, राजगढ़
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