ब्यावरा सिविल अस्पताल में करीब 50 से 60 मजदूरों की प्राथमिक स्क्रीनिंग (तापमान चेकअप) की गई, इसके बाद उन्हें रवाना कर दिया गया। गुना बाइपास पर समाजसेवियों ने उन्हें खाना दिया और वे गुना के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि वे इंदौर में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, वहां, शाजापुर, देवास कहीं भी किसी ने भी रुकने का कोई प्रबंधन उनके लिए नहीं किया। ऐसे में वे एक ट्रक, कंटेनर में बैठकर रवाना हो गए।
अपने छोटे भाई मुकेश के साथ मालेगांव (महाराष्ट्र) के लिए निकले संजय भोपाल में दिहाड़ी करते हैं। उन्होंने पत्रिका को बताया कि हमें वहां से भगा दिया गया। हमारा एक अन्य साथी था जो किसी ट्रक में चला गया अब हमें महाराष्ट्र जाना है। दोनों भाई खाना खाकर पिकअप में बैठकर मक्सी के लिए निकल गए, उनके रुकने का प्रबंध न भोपाल में हुआ न ही राजगढ़ जिले में।
जो जहां है वहीं व्यवस्था होगी
हमने निर्देश दिए थे कि जो जहां है उन्हें वहीं रोककर किसी हॉस्टल्स या अन्य जगह रोकने के प्रबंध किए जाएंगे। शासन स्तर पर पूरी प्लॉनिंग की जाएगी। मैं एक बार फिर सभी एसडीएम से बात करता हूं, सख्ती से इसका पालन करना होगा।
-नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर, राजगढ़
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