राजगढ़

शासन ने सड़क पर घूमने वाले मवेशियों के लिए लगवाए थे कैम्प, छह माह बाद भी नहीं मिल पाई उनके हिस्से की राशि

– गायों के हिस्से का पैसा भी अटका- महीनेभर के कैम्प के लिए प्रति मवेशी प्रति दिन के हिसाब से मिलना थे 70 रुपए, बछड़े के 35

राजगढ़Feb 24, 2020 / 06:13 am

दीपेश तिवारी

शासन ने सड़क पर घूमने वाले मवेशियों के लिए लगवाए थे कैम्प, छह माह बाद भी नहीं मिल पाई उनके हिस्से की राशि

ब्यावरा@राजेश कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट…
सड़क पर घूमने वाले मवेशियों के संरक्षण के लिए इस बार की बारिश के दौरान कमलनाथ सरकार द्वारा लगाए गए कैम्प की राशि शासन स्तर पर अटकी हुई है। अगस्त-2019 में ब्यावरा के वैष्णोदेवी गौ शाला सहित जिले की विभिन्न अन्य गौ शालाओं में ये कैम्प लगाए गए थे लेकिन उन्हीं मवेशियों (खासकर गाय) के हिस्से का पैसा भी नहीं निकल पा रहा है।
दरअसल, करीब 150 से अधिक गाय ब्यावरा की गौ शाला में रखी गई थीं, जिनमें उनका खाना-पीना, उपचार आदि गौ शाला प्रबंधन द्वारा कैम्प में किया गया, लेकिन जब भुगतान की बारी आई तो जिम्मेदारों ने हाथ खड़े कर दिए। अब जब गौ शाला प्रबंधन के सदस्य अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं तो उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा।
हालात यह है कि तीन से चार लाख रुपए का बिल जरूर बन गया लेकिन वह दफ्तरों में इधर-उधर घूम रहा है। अब आगामी दिनों में गर्मी का सीजन शुरू होने वाला है, जिसमें चारे और पानी का मैनेजमेंट गौ शाला को ही करना है।
उनके खुद के मवेशी और पूरी गौ शाला के प्रबंधन में उनके सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया है, जिस पर न नगर पालिका प्रबधंन ध्यान दे रही न ही स्थानीय प्रशासन। गौ शाला के उमेश श्रीवास्तव, कपिल गौड़ सहित अन्य ने बताया कि भुगतान नहीं हो पाने के कारण मवेशियों के लिए खाने और परिसर का मैनेजमेंट कर पाना मुश्किल हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में एसडीएम के फेरबदल हो जाने के कारण तत्कालीन एसडीएम और वर्तमान एसडीएम के काम में सामंजस्य नहीं बन पा रहा, इसीलिए बिल स्वीकृत होने में अड़चनें आ रही है।
मप्र शासन ने दिए थे कैम्प के निर्देश
प्रदेश सरकार के मैनिफेस्टो (घोषणा-पत्र) में मुख्य तौर पर सड़कों पर घूमने वाली गायों के लिए गौ शाला बनाने का दावा शामिल है। जिसका काम कुछ हद तक चल रहा है। वहीं, जुलाई-अगस्त-२०१९ में अत्यधिक बारिश के दौरान मवेशियों के मरने की संख्या बढ़े और रोड पर हादसों में भी मृत मवेशियों की संख्या बढऩे के चलते न सिर्फ आउट रिच कैम्प मवेशियों के लिए लगाए गए थे बल्कि जिलेभर के अधिकारियों की ड्यूटी रोड से गाय हटाने के लिए लगाई गई थी।
फैक्ट-फाइल
: 100-150 गाय वर्तमान में।
: 100 गाय कैम्प के दौरान लाए थे।
: 50 बझड़े भी कैम्प के दौरान लाए गए थे।
: 10 हजार रुपए प्रति माह उपचार में हो जाते हैं खर्च।
(नोट : गौ शाला प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार)
मामला मेरे जहन में है
कैम्प में गायों के रुपयों का मामला मेरे जहन में है। अभी बिल फाइनल होना है। उसमें हम अपने स्तर पर राशि निकलवाने का प्रयास कर रहे हैं। बिल बन चुका है जल्द ही गौ शाला वालों को राशि मिल जाएगी।
– संदीप अस्थाना, एसडीएम, ब्यावरा

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