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राजस्थान में 3 साल से दौड़ रही ट्रेन पर एमपी में 2001 से आज तक नहीं मिली जमीन, 2022 में कैसे दौड़ेगी रेल?

locationराजगढ़Published: Dec 21, 2019 06:22:52 pm

– रामगंजमंडी-भोपाल रेल लाइन…- मप्र की सीमा में अभी भी जमीनों में उलझा प्रोजेक्ट, राजस्थान में झालावाड़ तक काम पूरा, बाकी हिस्से में काम जारी…

राजस्थान में दौड़ रही एमपी में 2001 से आज तक नहीं मिली जमीन, 2022 में कैसे दौड़ेगी ट्रेन?

राजस्थान में दौड़ रही एमपी में 2001 से आज तक नहीं मिली जमीन, 2022 में कैसे दौड़ेगी ट्रेन?

ब्यावरा@राजेश विश्वकर्मा की रिपोर्ट…
भारतीय रेलवे Indian Railway का जिले के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट रामगंजमंडी-भोपाल रेलवे लाइन railway अभी भी कागजों में उलझी हुई है। राजस्थान Rajasthan में करीब तीन साल पहले से ट्रेनें train दौडऩे लगी है और मप्र madhya pradesh की सीमा में एक ईंट तक रेलवे के निर्माण की नहीं लग पाई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारी सीमा में विकास की रफ्तार Speed कैसी है?
दरअसल, सांसद रोडमल नागर roadmal nagar का दावा है कि 2022 तक जिले में ट्रेन दौडऩे लगेगी लेकिन हकीकत में वर्ष-2001 से आज दिनांक तक उक्त रेल्वे लाइन के लिए पूरी तरह से जमीनें ही अलॉट नहीं हो पाई है।
वर्ष-2001 में भूमि-पूजन हो जाने के बाद यह स्पष्ट कर दिया गया था कि सीहोर sehore , भोपाल Bhopal और राजगढ़ Rajgarh जिले की कितनी जमीन उक्त लाइन के लिए काम आएगी, बावजूद इसके आज तक कागजों में ही पूरा प्रोजेक्ट railway project उलझा हुआ है।
राजस्थान सीमा से राजगढ़ की ओर करीब दो साल से अर्थवर्क शुरू होने का इंतजार waiting किया जा रहा है। वहीं, भोपाल की ओर से बेरागढ़ से भी काम शुरू नहीं हुआ। इससे पूरा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में है, अब कब इसे रफ्तार मिलेगी यह सुनिश्चित नहीं हुआ।
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कमिश्नर ने दिए थे जमीन अलॉटमेंट के निर्देश
हाल ही में जिला प्रशासन और अन्य विभागों की हुई बैठक में भोपाल कमिश्नर comissioner ने इस प्रोजेक्ट को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे, इसमें जमीन अलॉट होने के बाद प्रक्रिया बढ़ाने पर जोर दिया गया। हालांकि कई फाइलें रेलवे की ओर से ही अटकी पड़ी रही लेकिन राजस्व विभाग ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।
वर्तमान में भी महज ब्यावरा के सात गांवों का मामला क्लीयर हुआ है, बाकी नरसिंहगढ़ narsinghgarh के 35, श्यामपुर और कुरावर के गांवों की जमीनें land अलॉट होना शेष है। इसी कारण प्रोजेक्ट को रफ्तार नहीं मिल पा रही है।
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जानें रामगंजमंडी लाइन का अभी तक का सफर…

-2001 में फाइनल सर्वे के बाद भूमि-पूजन।
-2003 में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रोजेक्ट दब गया।
-2008 में कुछ राशि आई लेकिन उपयोग नहीं हो पाया।
-2011 में तत्कालीन एमपी ने फिरिज हो चुके प्रोजेक्ट को डिफिरिज करवाया।
-2013 में 200 करोड़ मिले, उपयोग नहीं।
-2015 में 200 करोड़ मिले लेकिन भूमि-अधिग्रहण land acquisition के।
-2017 में 200 करोड़ मिले लेकिन कंस्ट्रक्शन के लिए नहीं।
-2018 में भूमि-अधिग्रहण में उलझा रहा प्रोजेक्ट।
-2019 में कोई अतिरिक्त फंड नहीं।
मप्र सीमा में ही दिक्कत, राजस्थान में बचा हुआ काम भी जोरों पर
इस प्रोजेक्ट को दो हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें एक हिस्सा भोपाल-से कोटा तक का है और दूसरा कोटा से ब्यावरा। इसमें खास बात यह है रामगंजमंडी थर्मल पॉवर thermal power से झालावाड़ तक ट्रेन कभी से दौडऩे लगी है और झालावाड़ से राजस्थान सीमा तक का काम भी जोरों पर है लेकिन आश्चर्य की बात है मप्र सीमा में कोई काम अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है। दो से तीन बार डीआरएम बदल गए, दो बार सांसद बदल गए लेकिन इस प्रोजेक्ट को रफ्तार नहीं मिल पाई।

पीएम के फॉस्ट टैक प्रोजेक्ट Fast Track project में शामिल, फिर भी रफ्तार धीमी : railway project
इस प्रोजेक्ट को वर्ष-2017 में प्रधानमंत्री के फॉस्ट टैक प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। केंद्र के विशेष प्रोजेक्ट में शामिल होने के बावजूद एमपी madhya pradesh में इसका काम आगे नहीं बढ़ पाया है। इसके पीछे कारण माना जा रहा है कि बीते 18 साल में जितनी भी बार सत्ता परिवर्तन हुआ, अलग-अलग जनप्रतिनिधि आए और प्रोजेक्ट उलझा रहा। किसी ने खास तरीके से उस पर जोर नहीं दिया। इसीलिए यह प्रोजेक्ट रफ्तार नहीं पकड़ पाया।

फैक्ट फाइल –
– 1365 करोड़ से बनना है रामगंजमंडी-भोपाल लाइन।
– 700 करोड़ रुपए था प्रारंभिक बजट।

– 2001 में रखी गई थी नींव।
– 200 करोड़ वर्ष-2016 में मिले थे।
– 200 करोड़ इस बार के बजट में मिले।
– झालावाड़ Jhalawar तक चालू हो चुकी है लाइन।
– मप्र में रेलवे के नाम पर महज भू-अर्जन।
– 260 किमी लंबी है पूरी लाइन।
(नोट : रेलवे से प्राप्त जानकारी के अनुसार)

भाजपा जबरन नाम दे रही
2011 प्रोजेक्ट फिरिज (खत्म) हो गया था हमने प्राथमिकत तौर पर डि-फिरिज करवाया। हमारे द्वआरा शुरू किए गए प्रोजेक्ट को भाजपा अपना नाम दे रही है और कर कुछ नही पाई।
– नारायणसिंह आमलाबे, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस, राजगढ़

अगले ढाई माह में दिखेगा रिजल्ट
जमीनों का अलॉटमेंट लंबे समय से अटका हुआ था, जिस पर हमने काम शुरू करवाया है। आगामी दो से ढाई माह में इसके रिजल्ट दिखना शुरू होंगे। ब्यावरा से शुरुआत हुई है।
– निधि निवेदिता, कलेक्टर, राजगढ़
2022 तक हर हाल में दौड़ेगी ट्रेन
प्रोजेक्ट को लेकर चिंता की जा रही है, 2022 तक इस ट्रैक पर ट्रेन दौडऩे लगेगी। पीएम के फॉस्ट टैक प्रोजेक्ट में शामिल लाइन का काम जल्द से जल्द पूरा करवाया जाएगा।
– रोडमल नागर, सांसद, राजगढ़
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