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पलायन का दर्द: हाईवे पर मजदूरों का मेला, उदास चेहरे ने बताई मन की पीड़ा

locationराजगढ़Published: Apr 14, 2021 12:50:43 pm

Submitted by:

Hitendra Sharma

याद आया पुराना लॉकडाउन, दिन-रात निकल रहे प्रवासी

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राजगढ़. कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को न सिर्फ परेशान किया बल्कि सालभर पुराने दिन याद दिला दिए हैं। यूपी, बिहार और दूसरे राज्यों के मजदूर, कर्मचारी फिर से अपने घर लौटने लगे हैं। आगर-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले इन मजदूरों, ड्राइवरों और अन्य काम में लगे निजी कंपनी के कर्मचारियों के चेहरे की उदासी ने उनकी परेशानी बयां कर दी। पहले जहां पैदल निकलने वालों की कतार लग गई थी, इस बार भी यही हाल दिन-रात।

हाइवे पर देखने को मिल रहे हैं। कोई बाइक तो कोई ऑटो… कोई बस तो कोई ट्रक और कोई ट्रेन… जैसे भी हो सके, सब अपने घर जाना चाहते हैं। पिछली बार कंपनियों ने इन्हें एकदम से जाने को कहा था और परिवहन व्यवस्था नहीं थी लेकिन अब कुछ मजदूर और कर्मचारी अपने गंतव्य को जाने वहीं से बस

पिछले साल लदकर…पैदल घर पहुंचे
22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू के बाद लगाए गए लॉकडाउन 1.0, 1.1,1.2 के दौरान लगातार मरीजों की आवाजाही हुई। वाहन बंद हो जाने के कारण अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पैदल ही लोग रवाना हो गए थे। लोगों के पांव में छाले पड़ गए थे, तो या किसी बाहन के माध्यम से जा रहे हैं तो कुछ लोग ट्रक और अन्य वाहनों के माध्यम से लिफ्ट लेकर जा रहे हैं। कुल मिलाकर उनकी परेशानी फिर से शुरू हो चुकी है, इतने दिनों में इतना भी नहीं कमा पाए थे कि अपने गांव जाकर कुछ दिन रहकर गुजर-बसर कर सके। बढ़ते पैदल घर पहुंचे थे लोग कइ्यों ने दिन-रात पैदल चलकर सफर पूरा किया था। हजारों किमी की दूरी लोगों ने कोरोना महामारी के कारण तय की थी, इस बार फिर यही हालात बन रहे हैं जो कि काफी चिंताजनक हैं। अतिरिक्त सावधानी की यहां सभी को जरूरत है।

संक्रमण के कारण पुणे, नागपुर, इंदौर, सूरत, अहमदाबाद सहित अन्य जगह फैक्टरियों में काम करने बालों, गाड़ियां चलाने बालों को कंपनी वालों ने रबाना कर दिया। अब उनका एक ही लक्ष्य है कि कैसे भी कर संक्रमण से बचते हुए घर निकल जाना।

लॉकडाउन का सुनकर डर लगता है
ग्वालियर निवासी आकाशरसिंह तोमर बताते हैं कि इंदौर में एक कंपनी में गाड़ी चलाते हैं, लॉकडाउन के कारण गाड़ी खड़ी हो गई। ऐसे में कंपनी वालों ने घर जाने को कह दिया, इसलिए घर जा रहे हैं। इंदौर से एक बस मिली थी जिसने रास्ते में ही उतार दिया, अब जैसे-तैसे घर लौट रहे हैं। हर दिन परेशानी हो रही है।

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