पहले सडक़ की खुदाई जल आवर्धन योजना की मेन लाइन को डालने के लिए की गई थी। इस लाइन को हर गली मोहल्ले में सडक़ के बीचोंबीच खोदा गया। कई दिनों तक लोग इस पाइप लाइन को डालने के लिए खोदी गई लाइन के कारण सडक़ों पर मोटरसाइकिल भी मुश्किल से चला पा रहे थे।
जैसे-तैसे यह सडक़ें रहवासियों ने अपनी स्तर पर ठीक कराई। उसके बाद मेन लाइन से कनेक्षन देने के लिए एक बार फिर इन्हें खोदा गया। अब कहीं जाकर इनका मेंटनेंस कराया गया। लेकिन अभी भी कनेक्षन में पानी नहीं आने के कारण फिर उन्हें बार-बार खोदा जा रहा है।
लाइन डालने के लिए खोदा…
जल आवर्धन के लिए खोदी गई लाइन को लेकर लोग पहले ही परेशान थे। उसके बाद अलग-अलग मोबाइल कंपनियों द्वारा शहर की कई सडक़ों के किनारे यह लाइन दो साल में नौ बार खोदी जा चुकी है।
हर बार लाइन खोदकर मिट्टी ऊपर ही छोड़ जाते है और लोग परेशान होते रहते है। कई बार इस लाइन खोदने की जानकारी नपा को भी नहीं होती और सडक़ें खुदती रहती है। यही नहीं शहर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे के लिए भी सडक़ें खोदी गई।
मेंटनेंस का खर्च कहा…
नगरीय क्षेत्र में किसी भी तरह के कार्य को लेकर नगरपालिका से अनुमति लेनी होती है और यदि सडक़ों आदि की खुदाई होती है तो मरम्मत के लिए संबंधित कंपनी राशि भी जमा करती है।
लेकिन मेंटनेंस की यदि बात करे तो नपा की तरफ से सिर्फ जल आवर्धन योजना से जुड़े कार्यो का मेंटनेंस कराया गया। जबकि अन्य मेंटनेंस को लेकर नपा ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।