scriptस्टाफ को यह नहीं पता कि कौन सा वैक्सिन कब और क्यों देते हैं? | The staff do not know which vaccine and when do they give? | Patrika News

स्टाफ को यह नहीं पता कि कौन सा वैक्सिन कब और क्यों देते हैं?

locationराजगढ़Published: Sep 17, 2018 11:55:01 pm

Submitted by:

Krishna singh

सीआरएम टीम का रिव्यू , महामारी आने पर तुरंत फाइंड आउट करने के निर्देश

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byawara

ब्यावरा. महीनेभर से दिल्ली की सीआरएम टीम के लिए तैयारियों में जुटी स्थानीय और प्रदेशस्तरीय टीम के चकाचौंध व्यवस्थाओं ने टीम को कमियां ही नहीं देखने दीं। टीम ने जिले की कौल्डचैन व्यवस्था को सराहा और टीकाकरण को लेकर असंतोष जाहिर किया है। भोपाल में दिए सीआरएम टीम के रिव्यू में सामने आया है कि राजगढ़-ब्यावरा के स्टॉफ को यह पता नहीं है कि कौन सा वैक्सिन (टीका) कब और क्यों देना है? जमीनी स्तर पर यह भी सामने आया कि जिन लोगों के बीच वैक्सिनेशन किया जाता है उन्हें यह तक नहीं पता कि आखिर संबंधित वैक्सिन क्यों लगाया जाता है? तमाम अस्पतालों और जमीनी स्तर पर लिए रिव्यू में सामने आया कि स्टॉफ का इंटलेक्चुअल (तार्किक क्षमता) स्तर भी काफी सामान्य दिखा। संबंधित विषय के बारे में भी ढंग से जानकारी नहीं दे पाए। इसके अलावा इम्युनिएशन में एवीडी (अल्टरनेट वैक्सिन डिलिवरी सिस्टम) एएनएम मंगलवार को पहुंचाती है, यह सिस्टम काफी सराहा गया।
महीनों से सीजर न सर्जरी, फिर भी रिव्यू नहीं
रिव्यू लेने आई सेंट्रल की सीआरएम का दौरा मानों प्री-प्लॉन रहा, उन्होंने भले ही टीकाकरण में कमियां निकाल दी हों लेकिन जिन दो प्रमुख चुुनौतियों के कारण जिला पिछड़ा है उन पर फोकस ही नहीं किया। प्रसूताओं, नवजात की सुरक्षा और कुपोषण पर कुछ भी पाइंट आउट टीम ने नहीं किया। वहीं, लक्ष्य के हिसाब से जिले में खासकर ब्यावरा में महीनों से न एक सर्जरी हो पाई न ही सीजर, बावजूद इसके डॉक्टर्स टीम को रंगा-पुता भवन और पूर्व निर्धारित तैयारियां दिखाकर रिझाने में लगे रहे। करीब महीनेभर से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को संवारने में लगी स्टेट की टीमों ने पहले ही हालात ऐसे कर दिए थे जिन्हें लेकर कोई रिव्यू सीआरएम ढंग से दे ही नहीं पाई।
सीधे पीएमओ को जाएगी रिपोर्ट
कॉमन रिव्यू मिशन की रिपोर्ट सीधे पीएमओ कार्यालय जाएगी। जिसकी मॉनीटरिंग सेंट्रल लेवल के अधिकारी करेंगे। इसमें सुनिश्चित किया जाएगा कि जमीनी स्तर पर काम जो हो रहा है उसमें क्या सुधार की गुुंजाइश है? हालांकि मैन पावर को लेकर कोईस्पष्टीकरण हीं से नहीं हो पाया है। वहीं, जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को पहले से ही चकाचौंध कर बजाए सुधारने के यथावत रखवा लिया गया है।
वैसे गहन रिव्यू वे ले रहे हैं लेकिन प्रारंभिक रिव्यू उन्होंने भेजा है, जिसमें जिले की स्थिति के बारे में बताया गया है। टीकाकरण संबंधी जानकारी को लेकर तर्क दिया है। कुपोषण और प्रसूताओं-नवजात के मामले में रिव्यू आना बाकी है।
डॉ. विजय सिंह, सीएमएचओ, राजगढ़

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