
शुक्रवार रात को पता चलने के बाद फरियादी पुलिस के पास पहुंचे लेकिन उन्हें टरका दिया गया। शनिवार को भी वे गए और रविवार सुबह भी लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी। फरियादी ने आरोप लगाया कि हम गए तो थाना प्रभारी का कहना है कि हम 25 हजार रुपए से ज्यादा की रिपोर्ट नहीं लिख सकते। इस पर उन्होंने कहा कि आवेदन ले लो लेकिन वह भी नहीं लिया। हमने 90 लाख रुपए का आवेदन देना चाहा लेकिन हमें मना कर दिया गया, बैरंग लौटना पड़ा। इस पर परेशान होकर वे लौट आए, इतनी बड़ी वारदात की जांच करना तो दूर की बात है अभी तक उसमें प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। राकेश ने बताया कि अंडरग्राउंड तिजोरी में पुश्तैनी सोना, बहू-बेटियों की ज्वैलरी और अन्य सामान थे। साथ ही बेची गई उपज के करीब साढ़े चार लाख रुपए रखे थे। सुरक्षा के तौर पर वे रुपए जमीन में लॉकर में रुपए रखते थे।
संदेह : आरोपी ने पहले रैकी की, फिर दिया वारदात को अंजाम
पूरे चोरी के प्रकरण में संदेह जताया जा रहा है कि इसमें पहले रैकी की गई, इसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया। इतनी बड़ी चोरी को अंजाम देना इतना आसान नहीं हो सकता। ऐसा ही व्यकित इसमें शामिल हो सकता है जो इस मामले में पहले से सब जानता हो। हालांकि सूत्रों के अनुसार बाइक पर आए कुछ लोगों की सूचना मिली है। उस पर जांच की जा रही है।

ज्वैलरी सहित डेढ़ करोड़ रुपए की चोरी हुई है। हमने 90 लाख का आवेदन दिया तो वह भी थाना प्रभारी ने नहीं लिया। कहा कि सिर्फ 25 हजार की रिपोर्ट इससे उपर का लिखा तो जांच नहीं कर पाएंगे। अगर जरूरी हुई तो हम बाद में आंकड़ा बढ़ा देंगे। अभी तक रिपोर्ट नहीं लिखी गई।
-राकेश धपानी, शिकायर्ता, निवासी कडि़या सासी
हमने मना नहीं किया, वे खुद सुबह का बोले
हमने उन्हें रिपोर्ट लिखने से मना नहीं किया, वे पहले छह करोड़ बता रहे थे, फिर तीन करोड़ और फिर कम। ऐसे में हमने कहा कि फाइनल बता दो। वे खुद गांव के लोगों के साथ आए थे, हमें बोले कि सुबह आकर रिपोर्ट लिखवाएंगे। हमने किसी को मना नहीं किया।
-रामनरेश राठौर, थाना प्रभारी, बोड़ा