दरअसल, तीन साल में तीन ट्रेनों के स्टॉपेज ही जिले को मिल पाए हैं। इसके अलावा बंद हो चुकी करीब सात-आठ माह से बंद जबलपुर-इंदौर इंटरसिटी एक्सप्रेस के चालू होने के कोई संकेत अभी तक नहीं मिल पाए हैं। साथ ही दो बड़े प्रोजेक्ट मक्सी-विजयपुर इलेक्ट्रिफिकेशन और रामगंजमंडी-भोपाल लाइन को भी जरूरत के हिसाब से गति नहीं मिल पाई है।
सांसद ब्यावरा में शुक्रवार शाम 5.54 बजे सूरत-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। उक्त ट्रेन मंगलवार और शुक्रवार को ब्यावरा आएगी। मंगलवार को सुबह 5.45 बजे ट्रेन ब्यावरा आएगी। इसके अलावा सारंगपुर में रुकने वाली इंदौर-देहरादून एक्सप्रेस और पचोर में इंदौर-चंडीगढ़ एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाएंगे।
भोपाल से भी आएंगे अधिकारी
माना जा रहा है कि ब्यावरा स्टेशन पर होने वाले समारोह में भोपाल रेल मंडल के अफसर भी आएंगे। डीआरएम शोभुन चौधरी ने स्पष्ट किया है कि ट्रेनों के स्टॉपेज फाइनल हो चुके हैं। एफओबी को भी गति मिल चुकी है। डीआरएम खुद आएंगे या किसी कारणवश नहीं आए तो रेलवे के वरिष्ठ अफसर ब्यावरा आएंगे। फिलहाल आईओडब्ल्यू की ओर से रेलवे स्टेशन पर आयोजन को लेकर तैयारियां गुरुवार से ही शुरू कर दी गई है।
दो साल में फाइनल हुआ 98 लाख का एफओबी
फुट ओवरब्रिज के काम लेकर अब स्थिति स्पष्ट हो पाई है। करीब दो साल पहले ही स्वीकृत हो चुके ब्रिज को फाइनल होने में दो साल का समय लग गया। ड्राइंग, प्रपोजल में उलझे एफओबी को हैदराबाद से पिछले दिनों ही फाइनल स्वीकृति मिल पाई है। अब जल्द ही इसका काम भी शुरू हो जाएगा। माना जा रहा है कि सालभर के भीतर का काम पूरा भी हो जाएगा। इससे ब्यावरा स्टेशन पर आने वाले सैंकड़ों यात्रियों को लाभ मिलेगा।
सूरत-मुजफ्फरपुर ट्रेन का स्टॉपेज बढ़ा है, उसे हरी झंडी दिखाई जाएगी। साथ ही फुटओवर ब्रिज का भूमि-पूजन भी होगा। दोनों ही कार्यक्रम शुक्रवार को ही तय किए गए हैं।
-रोड़मल नागर, सांसद, राजगढ़