ये ट्रेन हर दिन राजस्थान के कोटा से चलकर मध्यप्रदेश के इंदौर और इंदौर से चलकर कोटा जाती है, इस ट्रेन से हर दिन हजारों यात्री यात्रा करते हैं, इस ट्रेन से आप कोटा, बारां, रूठीयाई, कुंभराज, चाचौड़ा बीनागंज, ब्यावरा राजगढ़, पचोर रोड, शाजापुर, मक्सी, देवास होते हुए इंदौर पहुंचती है। इस ट्रेन का ब्यावरा से इंदौर का किराया महज 85 रुपए है। इस ट्रेन से आप जनरल टिकट के अलावा सेकेंड स्लीपर से भी यात्रा कर सकते हैं, जिसका आप पहले से भी रिजर्वेशन ले सकते हैं, इस ट्रेन में पिछले कुछ दिनों से काफी रश है।
ट्रेनों में त्योहारी सीजन की भीड़ नजर आ रही है। आम दिनों में सामान्य तौर पर निकलने वाली गाड़ियां इन दिनों खचाखच भरी हैं। गुरुवार को अपने तय समय पर ब्यावरा पहुंची इंदौर-कोटा इंटरसिटी एक्सप्रेस में आते और जाते समय पांव रखने तक की जगह यात्रियों को नहीं मिली। करीब 20 से 25 हजार रुपए के टिकिट की बिक्री गुरुवार को ज्यादा हुई है।
दरअसल, अष्टमी-नवमी पूजा और दशहर को लेकर कोटा और इंदौर में पढ़ाई करने वाले बच्चे यहां बड़ी संख्या में आते हैं। आते समय भी उनकी भीड़ गाड़ियों में रहती है और लौटने में भी यही हाल होता है। ऐसे में दशहर के अगले दिन यानि गुरुवार को अचानक से इंदौर-कोटा इंटरसिटी एक्सप्रेस में यात्रियों की भीड़ जमा हो गई। अतिरिक्त यात्री आने से पूरा स्टेशन खचाखच भर गया। समय काफी सही होने के कारण रुठियाई से लेकर इंदौर तक के सभी यात्री इसी से सफर करते हैं। वहीं, लौटने में भी कोटा में पढ़ाई कर रहे बच्चों के जाने का एक मात्र विकल्प रेल मार्ग से यही है, इसीलिए सर्वाधिक भीड़ इस एक मात्र गाड़ी में रही। बाकि बीना-नागदा पैसेंजर में अपनी रूटीन भीड़ यथावत रही। वही हाल रोजाना आने और जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस के रहे। इनमें भी यात्रियों की संख्या पर त्योहार का असर नजर आया। रेलवे स्टेशन पर रोजाना आमतौर पर 55 से 60 हजार तक का आंकड़ा ही टिकिट पार कर पाते हैं, लेकिन रिजर्वेशन और सभी क्लास के टिकिट का आंकड़ा निकाला जाए तो गुरुवार को यह काफी बढ़ गया। एक ही दिन में 80 से 90 हजार रुपए के टिकिट बिके। जो कि काफी ज्यादा मानें जा रहे हैं। हालांकि हर बार दिवाली, दशहरा, रक्षाबंधन सहित अन्य पर्व पर यही हालात रहते हैं। इंदौर -कोटा में स्टूयडेंट्स का आना-जाना ज्यादा होता है, इसलिए इस अकेली ट्रेन पर ज्यादा असर ट्रैफिक लोड का पड़ता है।
आम दिनों की अपेक्षा इंदौर-कोटा इंटरसिटी एक्सप्रेस में ज्यादा भीड़ रही। त्योहारी सीजन का असर सीधा रहा। 90 हजार रुपए का कुल कलेक्शन देर शाम तक पहुचा। बाकि ट्रेनों की भी यही स्थिति लगभग रही। विशेष भीड़ और टिकिट वितरण इंदौर-कोटा में ही हुए।
-भवानीसिंह मीना, उप-स्टेशन प्रबंधक, ब्यावरा