अधिकतर लोगों को सिविल अस्पताल, तहसील और एसडीएम कार्यालय जाना होता है लेकिन हाट-बाजार की भीड़-भाड़ और मवेशियों के वाहन के कारण हर बार खासी फजीहत उनकी होती है। सोमवार दोपहर भी ऐसे ही हालात बनें, उक्त रोड से पैदल तक निकल पाना मुश्किल हो रहा था। खास बात यह है कि न तो रोड पर पुलिस तैनात रही न ही नगर पालिका के जिम्मेदार। नपा ने तो कोई वैकल्पिक इंतजाम करना भी ठीक नहीं समझा। इससे दिनभर वाहन चालक परेशान होते रहे, उनकी समस्या को किसी जिम्मेदार ने आकर नहीं जाना।
संकरे क्षतिग्रस्त पुल पर हर ओर खतरा
तीन दिन पहले ही अस्पताल रोड के संकरे पुल पर एक हादसा हो गया था जिसमें दो लोगों के पांव में गंभीर चोटें आई थी। नपा ने औपचारिकता पूरी करते हुए पुल के गड्ढों में मूरम डलवा दी, लेकिन स्थायी हल नहीं निकाला।
नतीजा यह रहा कि पुल पर हर समय खतरा बना हुआ है। दोनों ओर से वाहनों के आने-जाने में दिक्कत होती रही, वाहन गुत्थमगुत्था होते रहे। आस-पास की असुरक्षित रैलिंग में भी गिरने का डर बना रहा, ऊपर से बारिश के बीच मचे कीचड़ से वाहन चालकों की परेशानी और भी बढ़ गई।
रोड का काम शुरू नहीं, इसलिए भी दिक्कत
शुरू से विवादों में रहे अस्पताल रोड का काम अभी भी शुरू नहीं किया गया है। गुणवत्ता पर उठे सवाल के बाद करीब तीन माह से बंद पड़े रोड का काम पैमेंट की मुश्किलें खत्म होने के बावजूद शुरू नहीं हो पाया है। इसी कारण जनता की मुश्किलें बढ़ रही हैं। रोड बनने से ही अंहिसा द्वार, अजनार पुल के आस-पास की दशा सुधरना है और बेहतर प्लॉनिंग की जाना है लेकिन अभी तक भी काम को गति नहीं मिल पाई। हालांकि भले ही जैसे-तैसे रोड बन जाए लेकिन अजनार के उक्त संकरे पुल का कोई समाधान फिलहाल शासन-प्रशासन के पास नहीं है, उक्त मौजूदा प्रोजेक्ट में इसका काम शामिल नहीं है।
करेंगे वैकल्पिक इंतजाम
अतिरिक्त जगह हाट-बाजार के लिए फिलहाल नहीं है, बारिश के कारण रोड पर मवेशी उतारना पड़ रहे हैं। हम जल्द ही वैकल्पिक इंतजाम करेंगे और अस्पताल रोड का काम भी शुरू करवाएंगे।
-इकरार अहमद, सीएमओ, नपा, ब्यावरा