Read this also: लाॅकडाउन में जब जज ने सुनवाई कर भेजा ई-फैसला, वकीलों ने भी किया ई-बहस गिलाखेड़ी का उपार्जन केंद्र वर्षाें पुरानी एक फैक्ट्री में बनाया गया है। फैक्ट्री करीब बीस साल से बंद पड़ी है। इसकी दीवारें काफी जर्जर हैं। यहां रखे गेहूं को एक ट्रक में मजदूर लोड कर रहे थे। उसी वक्त तेज हवा के साथ आंधी की वजह से एक जर्जर दीवार भरभराकर गिर गई। दीवार गिरने से उपार्जन केंद्र पर लोडिंग-अनलोडिंग कर रहे मजदूर इसकी चपेट में आ गए। अन्य मजदूरों की सहायता से दीवार के मलबे के नीचे मजदूरों रामबाबू, कामिल खान, छोटू लाल, राजा खान को निकाला गया। इनको तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। डाॅक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद इनकी गंभीर हालत को देखते हुए भोपाल रेफर कर दिया है। भोपाल ले जाते समय छोटूलाल की श्यामपुर के पास ही जान चली गई। जबकि घायल मजदूर रामबाबू ने भोपाल पहुंचकर दम तोड़ दिया।