20 करोड़ के काम ही जमीन पर उतरे…
ऐसा ही स्कूलों के साथ भी है। सरकारी स्कूल बदहाल हैं और नागर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संचालित सरस्वती विद्यालयों को लाखों का अनुदान दिया। सांसद का दावा है कि पूरी 25 करोड़ रुपए की राशि इन पांच सालों में उन्होंने जारी की है, पर अभी तक 20 करोड़ के काम ही जमीन पर उतरे हैं।
राजगढ़ और उसके आसपास 6 प्रतीक्षालय…
दरअसल, प्रतीक्षालय यात्रियों के काम में आएं या नहीं पर प्रचार के काम में खूब आते हैं। सांसद नागर ने ढाई-ढाई लाख रुपए की लागत से ढेरों प्रतीक्षालय बनवा दिए। अकेले राजगढ़ और उसके आसपास 6 प्रतीक्षालय हैं। सभी भाजपा के झंडे के रंग से रंगे गए हैं और सांसद निधि से निर्मित इतने बड़े अक्षरों में लिखा गया है कि एक किलोमीटर दूर से भी सांसद का नाम पढ़ा जा सकता है। चार प्रतीक्षालयों का बहुत ही कम इस्तेमाल है, क्योंकि कम लोगों का यहां आना-जाना है। कुछ जगहों पर तो प्रतीक्षालयों का इस्तेमाल नहीं होने से लोगों ने दुकानें खोल ली हैं।
राजगढ़ जिले में पानी का संकट स्थाई समस्या है। जलस्रोतों के सूख जाने से अब दिनों-दिन मुश्किलें बढ़ रही हैं। ऐसे में
नदी-नालों के गहरीकरण या जल संरचना के निर्माण की बजाय सांसद ने पंचायतों को पानी ढोने टैंकर वितरित किए हैं। राजगढ़ लोकसभा अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों की अधिकतर पंचायतों तक ऐसे टैंकर पहुंच चुके हैं। इनमें भी सांसद निधि से प्रदत्त बड़े अक्षरों में लिखा गया है, जिससे लोगों की जरूरतें पूरी होने की बजाय प्रचार का ही काम हो रहा है।
सांसद नागर ने पांच साल में 25 करोड़ के प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजे। इनमें सामुदायिक भवन, मुक्तिधाम, कांक्रीट रोड, स्कूल भवन मरम्मत, हैंडपंप सहित अन्य कार्यों में राशि खर्च की गई। इन पैसों को लेकर वे सतर्क रहे। कई बार वे कार्यों को देखने पहुंच जाते थे और गुणवत्ता कमजोर होने पर अफसरों को फटकार लगाते थे।
प्रशासन की फजीहत
सांसद और विधायक निधि से कराए जाने वाले कामों में अति प्रचार से प्रशासन की भारी फजीहत होती है। राजगढ़ जिले में सांसद के नाम से लगे ऐसे बोर्ड हाल के विधानसभा चुनाव में पोतने और ढंकने में हजारों रुपए खर्च हो गए। विधानसभा चुनाव खत्म होते ही फिर उन्हें लगाया गया और अब हटाने की कार्यवाही शुरू की गई है।
नगर परिषद अब पहुंची राशि
नगर परिषद सारंगपुर को निर्माण व विकास कार्यों के लिए सांसद ने दो करोड़ देने की घोषणा की थी। लेकिन यह राशि तब पूरी हुई जब कार्यकाल पूरा होने वाला है। हाल ही में नगरपरिषद ने इसका प्रस्ताव स्वीकृति के लिए राज्य सरकार के पास भेजा है।
रोडमल नागर, सांसद राजगढ़