गिरते जलस्तर से टूट रहा हैंडपंपों का दम-
पिछले साल मार्च माह के शुरूआत में 981 हैंडपंप बंद हो गए थे। जबकि इस साल फरवरी माह की रिपोर्ट में ही 1115 हैंडपंप जलस्तर के कारण बंद है। जो पिछले साल की तुलना में लगभग 150 से भी ज्यादा होते है।
जल सहेजने के नाम पर मिला पुरस्कार-
जिले को जल सहेजने और पानी के जलस्तर को बनाए रखने के लिए हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिला है। जिसमें मोहनपुरा और कुंडालिया जैसी बड़ी योजनाओं के साथ ही गांव-गांव में पानी रोकने के लिए चलाए अभियान शामिल है।
राजगढ़ में नहीं होगी परेशानी-
जिले की यदि बात करे तो ब्यावरा में आज भी प्रतिदिन नल नहीं आते है। जबकि खिलचीपुर में भी पानी की समस्या मंडराने लगी है। नरसिंहगढ़ और सारंगपुर में नल हर दिन आ रहे है। लेकिन पानी की सप्लाई के समय में कमी कर दी गई है। जबकि राजगढ़ में अभी भी पहले की तरह ही नल आ रहे है और मोहनपुरा के साथ ही राजगढ़ में बने बैराज में भरपूर पानी होने से शहर में पानी की समस्या न के बराबर है। लेकिन राजगढ़ के ग्रामीण अंचल में अभी से यह समस्या पनपने लगी है। क्योंकि यह क्षेत्र पथरीला है।
आगामी समय में पेजयल संकट को देख प्रशासन द्वारा बोर खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन अब यह प्रतिबंध हटाते हुए ३१ मार्च तक इसकी अनुमति दे दी गई है। ऐसे में वर्तमान में बड़ी संख्या में लोग बोर खनन करा रहे है। जिससे भू-जल स्तर और नीचे गिर रहा है।
आरपी नायक, डूडा राजगढ़