ब्यावरा में रहने वाले एडीपीओ आशीष दुबे ने बताया कि देवास में रहने वाले मेरे एक एडीपीओ साथी के रिश्तेदार उक्त लोग थे। मैं सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंचा लेकिन कुछ कर नहीं पाया। मेरे पहुंचने से पहले ही मां-बेटे की मौत हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि दोस्त को पूरी जानकारी बताने में ही तकलीफ हो रही है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया, मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है।
पत्रिका व्यू : फोरलेन के नियम भी समझना होंगे
देवास से शिवपुरी तक बीते कुछ सालों में बनकर तैयार हुए फोरलेन पर हादसे आम हो गए हैं। बड़े शहरों की तर्ज पर स्थानीय जनता, खासकर ग्रामीण परिवेश में रहने वाले अनजान वाहन चालकों को ट्रैफिक नियम सीखना होंगे, फोरलेन की महत्ता समझना होगी? जिस जगह उक्त हादसा हुआ वहां पर वाहन को निंयत्रित करने की जवाबदारी साइड से आने वाले वाहन की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, उसने फोरलेन पर देखे बगैर वाहन निकालना चाहा, नतीजा रहा है कि रफ्तार से बेफिक्र होकर आ रहा इंदौर का यादव परिवार हादसे का शिकार हो गया। सिर्फ अच्छे चौड़े रोड बन जाने को सुविधा न समझें, नियमों को भी समझें।