आर्थिक रूप से कमजोर मजदूर
गांव में ज्यादातर लोग गरीब हैं और मजदूरी कर जीवन यापन करते है। अधिकतर घरों की यही स्थिति है। लेकिन लगातार बढ़ रही जागरुकता के चलते अब यहां शौचालय को लेकर भी जागरुकता आ रही है। यही कारण है कि ऐसे घर जहां शौचालय न हो वहां परिवार के लोग अपनी बेटी का विवाह भी नहीं करते। मंडावर में रहने वाले 22 साल के सागर सेन आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके हैं और दूसरा विवाह जमीन बेचकर किया था। इसके लिए उन्होंने 6 बीघा जमीन बेच दी। अब उसके पास मात्र 4 बीघा जमीन रह गई है, इसमें कुछ फसल की बोवनी कर लेता है, जिससे जीवन चल रहा है।
नहीं बन सका शौचालय
राधेश्याम सेन का नाम किसी कारण से वर्ष 2011 के सर्वे में छूट गया था, अब हमने पूरक सूची में नाम जुड़वा दिया है। वहीं शौचालय की सूची में भी नाम नहीं है। इसलिए इन्हें शौचालय का लाभ भी नहीं मिल पाया है। हम इन्हें शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करेंगे और जनसहयोग से शौचालय बनवाएंगे। –
राधेश्याम देवड़ा, सचिव ग्राम पंचायत मंडावर