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10वीं फेल युवक ने कबाड़ से बनाया रेल इंजन, पिता की मौत के बाद सपना किया साकार

locationराजनंदगांवPublished: Nov 27, 2022 02:30:52 pm

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CG Desk

मनीराम ने बताया कि पिता दिवंगत फागू राम लहरे रेलवे में डीजल लोको पायलट थे। उनकी इच्छा थी कि नौकरी में रहते हुए इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन को ऑपरेट करें। मनीराम ने बताया कि पिता चाहते थे कि घर का छोटा बेटा अच्छे से पढ़ाई कर रेलवे में नौकरी करे और इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन चलाकर सपना पूरा कर दे, पर ऐसा नहीं हो पाया।

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10वीं फेल युवक ने कबाड़ से बनाया रेल इंजन, पिता की मौत के बाद सपना किया साकार

मन में अगर कुछ कर गुजरने की जुनून हो तो बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल किया जा सकता हैं। ऐसा की कुछ अलग कारनामा किया है राजनांदगांव के डोंगरगढ़ ब्लॉक के बेलगांव निवासी मनीराम लहरे ने स्वर्गवासी पिता का सपना पूरा करने के लिए कबाड़ से इलेक्ट्रिक इंजन बना दिया। यह इंजन बिजली पावर से पटरी पर सरपट दौड़ता भी है।

हालांकि इस इंजन की लंबाई 2 फीट और ऊंचाई 7 इंच है, पर यह रेल पटरियों पर दौडऩे वाली ट्रेनों के बड़े इंजन की तरह ही है। यही कारण है कि रेलवे के अफसर इस मॉडल इंजन को देखकर दंग रह गए। नागपुर मंडल के अफसरों को यकीन नहीं हो रहा है कि बिना तकनीकी ज्ञान के एक ग्रामीण ने इंजन तैयार किया है। बता दें कि मनीराम 10वीं फेल है।

पिता का यह था सपना
मनीराम ने बताया कि पिता दिवंगत फागू राम लहरे रेलवे में डीजल लोको पायलट थे। उनकी इच्छा थी कि नौकरी में रहते हुए इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन को ऑपरेट करें। इसके लिए वे ट्रेनिंग पर भी गए थे पर बीमार होने के कारण घर लौटना पड़ गया था। बीमार होते ही सपना अधूरा रह गया। मनीराम ने बताया कि पिता चाहते थे कि घर का छोटा बेटा अच्छे से पढ़ाई कर रेलवे में नौकरी करे और इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन चलाकर सपना पूरा कर दे, पर ऐसा नहीं हो पाया।

लॉकडाउन में किया तैयार
देशभर में जब कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लगा तब घर तक सिमटना पड़ा था। इसी दौरान ख्याल आया कि क्यों न घर में पड़े कबाड़ से ट्रेन का इंजन तैयार करें और उसे पिता को समर्पित कर दें। बस क्या था फिर घर पर मौजूद लोहे और प्लास्टिक के सामान को एकत्रित किया फिर धीरे-धीरे इंजन तैयार करना शुरू किया। कुछ मटेरियल परिचित लोगों से जुगाड़ किया। इंजन तैयार करने में चार महीने लगे।

प्रदर्शनी में देखा था इंजन का भीतरी हिस्सा
इंजन को हूबहू स्वरूप देने के लिए वे जटकन्हार रेलवे स्टेशन में खड़ी ट्रेन को देखने जाता था। मनीराम ने बताया कि पिता रेलवे में थे। इसलिए अक्सर रेलवे स्टेशन या फिर विश्वकर्मा पूजा के दौरान लगने वाली प्रदर्शनी में जाते थे। प्रदर्शनी में इंजन के पार्ट्स और इसके ऑपरेट होने का तरीका जानते थे जो कि दिमाग में था। इसलिए इंजन तैयार कर डाले और इसे दौड़ाने के लिए 12 फीट की पटरी भी बनाई है।

सांसद और डीआरएम ने किया सम्मानित
हाल ही में मुसरा रेलवे स्टेशन में नए प्लेटफार्म का लोकार्पण कार्यक्रम था। सांसद संतोष पांडे और रेलवे के नागपुर डिवीजन से डीआरएम पहुंचे थे। इस दौरान मनीराम ने इंजन का प्रदर्शन किया तो सांसद और डीआरएम हैरान रह गए कि इतने कम पढ़े-लिखे व्यक्ति ने तकनीक के क्षेत्र में बड़ा काम किया है। डीआरएम ने गुलदस्ता भेंटकर सम्मानित किया।

नागपुर डिवीजन के डीएमई पहुंचे थे घर
रेलवे के नागपुर डिवीजन के डीएमई को जब मनीराम के इस मॉडल प्रोजेक्ट के बारे में पता चला तो वे अपनी टीम के साथ बेलगांव पहुंचे थे। मनीराम के प्रोजेक्ट को देखकर खूब तारीफ की। यहां तक कहा कि रेलवे में कार्यरत तकनीकी जानकार भी इस तरह का इंजन इतनी आसानी से नहीं बना पाएंगे। मनीराम ने बताया कि इस मॉडल का आसपास के स्कूलों में इसका प्रदर्शन होने लगा है।

इंजन में लगाए ये पार्ट्स
ट्रेन की बड़ी इंजनों की तरह दिखाने के लिए मनीराम ने इसमें बारीकी से काम किया है। इंजन में सस्पेंशन स्प्रिंग, पहिए, पायदान, रेल गार्ड, बफर, सीबीसी कप्लर, ब्रेक शू, माइक्रोप्रोसेशर, होस पाइप लगाए गए हैं। घाट पर चढ़ने के दौरान फिसलन से बचाव के लिए सामने पहिए पर रेत प्लोइंग पाइप भी लगाया है। इलेक्ट्रिक ओएचई केबल से जोड़ने के लिए पेंटो भी लगाया गया है।

मुसरा में प्लेटफार्म लोकार्पण के दौरान मनीराम ने इंजन का प्रदर्शन किया जो सराहनीय था। वाकई मनीराम ने बेहतर तकनीक का इस्तेमाल कर इंजन बनाया है। रेलवे की ओर से लगने वाली प्रदर्शनी में उक्त ग्रामीण को मौका दिया जाएगा। बड़ी बात यह है कि पूरे सेटअप के साथ इंजन ऑपरेट भी होता है।
-रविश कुमार सिंह, सीनियर डीसीएम नागपुर

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