सूत्रों का कहना है कि श्यामलाल नक्सलियों के साथ कुछ दिन पहले एक गांव से होकर गुजर रहा था। उसी दौरान पुलिस के पहुंचने की खबर से नक्सली इधर-उधर भागने लग गए। इसी आपाधापी में श्यामलाल अपने साथियों से अलग हो गया। करीब 6 दिन तक वह जंगल में भटकता रहा। बताया जा रहा है कि उम्रदराज होने की वजह से उसका दिमागी संतुलन भी बिगड़ गया है। इसके कारण वह जंगल में ही भटकता रहा। पुलिस ने एक नक्सली के भटकने की खबर के बाद घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया है। बालाघाट एडीजी केपी व्यकेंटेश्वर राव के नेतृत्व में लगातार पुलिस को उल्लेखनीय सफलताएं मिल रही हैं।
पूछताछ के दौरान इस हार्डकोर नक्सली ने कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया है। नक्सलियों की रणनीति को लेकर पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। नक्सली संगठन एमएमसी जोन में अपनी ताकत में विस्तार करने की पूरजोर कोशिश कर रहा है। एमएमसी जोन को लाल गलियारा बनाने के लिए नक्सलियों की कोशिशें सांगठनिक स्तर पर चल रही है। बताया जा रहा है कि दर्रेकसा दलम में रहते हुए गिरफ्तार नक्सली ने कई वारदातों को अंजाम दिया है। पिछले दो साल के भीतर बालाघाट रेंज में 7 नक्सली जहां पुलिस के हाथों मारे गए हैं। वहीं हार्डकोर नक्सली बादल के बाद श्यामलाल की दूसरी गिरफ्तारी पुलिस ने की है।