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27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू कराने होगा बड़ा आंदोलन …

locationराजनंदगांवPublished: Nov 10, 2019 08:34:37 pm

Submitted by:

Nitin Dongre

छत्तीसगढ़ सर्व पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यक महासंघ ईकाई

27 percent OBC reservation will be implemented by big movement ...

27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू कराने होगा बड़ा आंदोलन …

राजनांदगांव. 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को लागू कराने की मांग को लेकर १३ नवंबर को छत्तीसगढ़ महाबंद का ऐलान किया गया है। इसके तहत १३ नवंबर को अपराह्न १२ बजे स्टेट स्कूल मैदान से रैली निकाली जाएगी। रैली पूरे शहर भ्रमण करते हुए जिला कार्यालय के सामने पहुंचेगी। इसके बाद वहां दोपहर २ बजे से फ्लाईओवर के नीचे सभा आयोजित होगी। इस परिपेक्ष्य में छग सर्व पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्प संख्यक महासंघ, जिला-इकाई राजनांदगांव के पदाधिकारियों ने रविवार को प्रेसक्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी दी है। पदाधिकारियों ने बताया कि इस आंदोलन के लिए तैयारी चल रही है। ब्लाकवार जिम्मेदारी सौंपी गई है। लोग १३ नवंबर को बाइक व कार रैली के माध्यम से ब्लाक मुख्यालयों से जिला मुख्यालय में पहुंचेंगे।
चूंकि आयोध्या फैसले आने के बाद एक सप्ताह तक किसी प्रकार की रैली व धरना प्रदर्शन के लिए जिला प्रशासन ने रोक लगा रखी है, ऐसे में रैली व प्रदर्शन के लिए इन्हें प्रशासन से विशेष अनुमति लेनी पड़ेगी। पदाधिकारियों का कहना है इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन को आवेदन दिया हुआ है। इस पूरे आयोजन के संयोजक अधिवक्ता महेंद्र वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ओबीसी वर्ग की आबादी ५२ प्रतिशत है, जिसे केवल १४ प्रतिशत आरक्षण दिया जाता रहा है, किंतु वर्तमान में भूपेश सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए ओबीसी आरक्षण को १४ से बढ़ाकर २७ प्रतिशत कर दिया है, किंतु सवर्ण समाज के लोगों ने २७ प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का विरोध करते हुए उच्च न्यायालय में २० याचिकाएं लगाकर रोक लगवा दिए हैं, जिसके कारण ओबीसी समाज के साथ अनुसूचित जाति, जन जाति व अल्प संख्यक समाज भी आक्रोशित है।
अधिकार का सवाल

उन्होंने कहा आरक्षण केवल रोजी-रोटी का प्रश्न नहीं है। अपितु ओबीसी वर्ग का शासन-प्रशासन में हिस्सेदारी का सवाल है, सामाजिक न्याय, हक और अधिकार का सवाल है। कहा कि जिस समुदाय का जितनी संख्या है, उसके आधार पर आरक्षण तय होना चाहिए। हम किसी के खिलाफ नहीं है।
ये है प्रमुख मांगे

२७ प्रतिशत ओबीसी आरक्षण बहाल किए जाए। अनुसूिचित जाति का १६ प्रतिशत आरक्षण पूर्णवर्त रखा जाए। जल, जंगल व जमीन आदिवासियों के बेदखल पर रोक व फर्जी माओवादी प्रकरण में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा किया जाए। १० प्रतिशत सवर्ण आरक्षण को २०२१ की जनगणना तक रोक लगाई जाए।
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