आनन-फानन में हुआ आबादी भूमि अधिकार का पट्टा तैयार
राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना आबादी भूमि अधिकार पट्टा प्रदान करने के दावों को स्थानीय राजस्व प्रशासन ने हल्के में लिया और आनन-फ ानन में पट्टा तैयार कर दिया गया। राजस्व अमले के सर्वे और रिपोर्ट जल्दबाजी में तैयार किए गए और एक भव्य कार्यक्रम में सांसद अभिषेक सिंह के हाथों पट्टा प्रदान किया गया लेकिन पट्टा हाथ में आते ही लोगों की शिकायतें शुरू हो गई। कहीं जमीन का नाप सही नहीं है, तो कहीं पट्टा में नाम सही नहीं था जबकि सैकड़ों ऐसे लोग सामने आए, जिन्हें आबादी में वर्षों से रहते हुए भी पट्टा नहीं मिला। इन शिकायतों के बाद राजस्व विभाग ने यह तो स्वीकार किया कि पट्टा में गलतियां हुई हैं और इनका सुधार होगा। पर यह महत्वकांक्षी योजना इस शहर में कब मूर्त रूप लेगा, इसकी समय सीमा तय नहीं की गई।
राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना आबादी भूमि अधिकार पट्टा प्रदान करने के दावों को स्थानीय राजस्व प्रशासन ने हल्के में लिया और आनन-फ ानन में पट्टा तैयार कर दिया गया। राजस्व अमले के सर्वे और रिपोर्ट जल्दबाजी में तैयार किए गए और एक भव्य कार्यक्रम में सांसद अभिषेक सिंह के हाथों पट्टा प्रदान किया गया लेकिन पट्टा हाथ में आते ही लोगों की शिकायतें शुरू हो गई। कहीं जमीन का नाप सही नहीं है, तो कहीं पट्टा में नाम सही नहीं था जबकि सैकड़ों ऐसे लोग सामने आए, जिन्हें आबादी में वर्षों से रहते हुए भी पट्टा नहीं मिला। इन शिकायतों के बाद राजस्व विभाग ने यह तो स्वीकार किया कि पट्टा में गलतियां हुई हैं और इनका सुधार होगा। पर यह महत्वकांक्षी योजना इस शहर में कब मूर्त रूप लेगा, इसकी समय सीमा तय नहीं की गई।
स्थानीय विधायक ने बनाया मुद्दा
पट्टा वितरण को अपनी सरकार की उपलब्धि बताने वाले भाजपा नेता में गड़बड़ी सामने आते ही किनारे हो गए। इस मुद्दे को विधायक दिलेश्वर साहू ने आगे बढ़ाया और लोगों से आवेदन मंगवाकर सुधार की मांग की। इसके लिए भूख हड़ताल और धरना भी दिया। इसके बाद प्रशासन ने नए सर्वे टीम और सुधार का वादा किया लेकिन समय बीतने के साथ सुधार प्रक्रिया धीमी पड़ गई और अब लगता है कि प्रशासन पर विधायक का आंदोलन असरहीन रहा हालांकि प्रशासन दावा कर रही है कि सुधार कार्य चालू है लेकिन इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है। सूत्रों की मानें तो भाजपा समर्थित लोगों ने में हुई त्रुटि सुधार प्रक्रिया में है और प्रशासन पर सुधार कार्य में विधायक को श्रेय ना मिले इसलिए भी भाजपा नेता नहीं चाहते कि चुनाव पूर्व पट्टा सुधार हो पाए।
पट्टा वितरण को अपनी सरकार की उपलब्धि बताने वाले भाजपा नेता में गड़बड़ी सामने आते ही किनारे हो गए। इस मुद्दे को विधायक दिलेश्वर साहू ने आगे बढ़ाया और लोगों से आवेदन मंगवाकर सुधार की मांग की। इसके लिए भूख हड़ताल और धरना भी दिया। इसके बाद प्रशासन ने नए सर्वे टीम और सुधार का वादा किया लेकिन समय बीतने के साथ सुधार प्रक्रिया धीमी पड़ गई और अब लगता है कि प्रशासन पर विधायक का आंदोलन असरहीन रहा हालांकि प्रशासन दावा कर रही है कि सुधार कार्य चालू है लेकिन इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है। सूत्रों की मानें तो भाजपा समर्थित लोगों ने में हुई त्रुटि सुधार प्रक्रिया में है और प्रशासन पर सुधार कार्य में विधायक को श्रेय ना मिले इसलिए भी भाजपा नेता नहीं चाहते कि चुनाव पूर्व पट्टा सुधार हो पाए।
क्या कहते हैं अधिकारी व विधायक
एसडीएम राजस्व, पुष्पेंद्र शर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग टीम बनाकर सुधार कार्य लगातार कर रही है। प्रक्रिया जारी है और शीघ्र इसका निराकरण हो जाएगा राजनीतिक आरोप बेबुनियाद है।
विधायक डोंगरगांव, दलेश्वर साहू का कहना है कि पट्टा सुधार पहली प्राथमिकता है और इसके लिए 7 सितंबर तक प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रशासन से मांगा था। टीम सर्वे के लिए निकली है ऐसी जानकारी मुझे मिली है, अगर जानबूझकर देरी होगी तो पुन: आंदोलन होगा और लोगों के लिए संपत्ति का अधिकार यह पट्टा एक गंभीर विषय है। इसके लिए संघर्ष करना लाजमी है।
एसडीएम राजस्व, पुष्पेंद्र शर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग टीम बनाकर सुधार कार्य लगातार कर रही है। प्रक्रिया जारी है और शीघ्र इसका निराकरण हो जाएगा राजनीतिक आरोप बेबुनियाद है।
विधायक डोंगरगांव, दलेश्वर साहू का कहना है कि पट्टा सुधार पहली प्राथमिकता है और इसके लिए 7 सितंबर तक प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रशासन से मांगा था। टीम सर्वे के लिए निकली है ऐसी जानकारी मुझे मिली है, अगर जानबूझकर देरी होगी तो पुन: आंदोलन होगा और लोगों के लिए संपत्ति का अधिकार यह पट्टा एक गंभीर विषय है। इसके लिए संघर्ष करना लाजमी है।