scriptकेंद्र सरकार द्वारा 6 साल काम कराने के बाद प्रेरकों को कहा बाय-बाय, अब नई भर्ती की हो रही तैयारी | After 6 years of work by central government, motivators said bye-bye, | Patrika News

केंद्र सरकार द्वारा 6 साल काम कराने के बाद प्रेरकों को कहा बाय-बाय, अब नई भर्ती की हो रही तैयारी

locationराजनंदगांवPublished: May 25, 2020 10:42:01 am

Submitted by:

Nakul Sinha

प्रेरक संघ मुख्यमंत्री से करेगा मुलाकात कर बताएगी अपनी पीड़ा

After 6 years of work by central government, motivators said bye-bye, now preparations are being made for new recruitment

प्रेरक संघ मुख्यमंत्री से करेगा मुलाकात कर बताएगी अपनी पीड़ा

राजनांदगांव / सोमनी. आगामी समय में भारत सरकार द्वारा पढऩा लिखना अभियान को मंजूरी दे दी गई है जिसका कहना है की साक्षर भारत कार्यक्रम में कार्य कर रहे प्रेरकों के बदले स्वंयसेवी शिक्षकों के द्वारा असाक्षरो को साक्षर किया जाएगा। जबकि साक्षर भारत कार्यक्रम का प्रांरभ 2011 में केन्द्र सरकार के द्वारा ही किया गया था, जिसको संचालित करने प्रत्येक ग्राम पंचायत से एक महिला एवं एक पुरूष की नियुक्ति जिला लोक शिक्षा समिति के मार्गदर्शन में विकासखंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा लिखित परीक्षा के आधार पर चयन किया गया था और यह योजना में मात्र 2 हजार प्रति माह की राशि में विगत 6 वर्ष तक इस योजना को संचालित करने में अहम भूमिका निभा रही वही प्रेरकों के द्वारा अनगिनत कार्य करवाया गया। जैसे जन धन खाता खोलवाना, बीमा करवाना, रिमिडियल क्लास लगाना, समूह गठन, ग्राम पंचायत पर संचालित होने वाले प्रत्येक कार्य पर प्रेरको की भूमिका अहम रही है। और तो और छत्तीसगढ़ राज्य को अक्षर सम्मान दिलाने वाले प्रेरक ही है।
दाने-दाने को मोहताज हो गए प्रेरक
इसी सभा में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने कहा था कि आज अगर प्रेरक नही होते तो छत्तीसगढ़ राज्य में साक्षरता दर की वृद्धि नही होती और मार्च 2018 में यह कार्यक्रम को बंद कर छत्तीसगढ़ राज्य सहित पूरे राज्य के प्रेरकों के पेंट पर लात मार दिया और वही प्रेरक जिसके पास गांव के हर व्यक्ति अपने समस्या का निदान पाने और गांव को नई दिशा में ले जा रहे थे वही आज दाने दाने को मोहताज हो रहे है। और आज वही योजना पुन: एक नए नाम के साथ संचालित होने वाली है तो उस योजना में प्रेरको के जगह कोई और दूसरा कार्य करेगा। 6 साल में मात्र 2 हजार रूपए महीना में काम करने का यही परिणाम मिला। इस संबंध में प्रेरक संघ शिक्षा विभाग के सचिव एवं मुख्यमंत्री को इस समस्या से अवगत करवाएंगे। यह जानकारी रामकिशुन साहू जिला प्रेरक संघ द्वारा दी गई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो