अफसरों पर गंभीर आरोप
नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने इस मामले में निगम के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाया है, उनका कहना है कि पीएम आवास देख रहे अधिकारी का प्रभार बदलने के कारण मौजूदा निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने का हवाला देकर फाइलें रोक दी गई है। इस वजह से हितग्राहियों को किश्त जारी नहीं हो रही है। इससे गरीब लोगों की परेशानी बढ़ गई है। कुछ हितग्राहियों ने यह भी आरोप लगाया है कि निगम में इस संबंध में पूछने जाओ तो स्पष्ट जानकारी नहीं दी जाती। इससे हितग्राहियों में आक्रोश पनप रहा है।
ज्ञात हो कि पीएम आवास की राशि हितग्राहियों को चार किश्तों में जारी होती है। मकान का नींव निकालने पर पहली किश्त जारी होती है, प्लींथ लेवल में दूसरी, छत ढलाई में तीसरी और मकान पूरा होने पर चौथी किश्त जारी होती है। इस बीच निगम के इंजीनियर लगातार हितग्राहियों के घर पहुंचकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाते हैं। ऐसे में जब हितग्राही मकान बनाना प्रारंभ कर चुका है, तो फिर निरीक्षण करने की बात कहकर क्यों अधिकारियों द्वारा हितग्राहियों को गुमराह किया जा रहा है।
प्रभार बदला, तो बदल गया नियम
Rajnandgaon News यदु ने कहा कि, पीएम आवास का प्रभार पहले दूसरे अधिकारियों के हवाले रहा। अब यह प्रभार निगम के सहायक अभियंता को सौंपा गया है। उन्होंने प्रभार लेते ही पीएम आवास की फाइलें रोके रखी हंै। कहा जाता है कि निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया जाएगा उसके बाद फाइलें आगे बढ़ेंगी। 18 सौ निर्माण कार्यों का निरीक्षण किस तरह तेजी से पूरा किया जाएगा। इसको लेकर उनके पास किसी तरह की कार्ययोजना नहीं है। यह फैसला महज हितग्राहियों की परेशान करने का तरीका है।
नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने इस मामले में निगम के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाया है, उनका कहना है कि पीएम आवास देख रहे अधिकारी का प्रभार बदलने के कारण मौजूदा निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने का हवाला देकर फाइलें रोक दी गई है। इस वजह से हितग्राहियों को किश्त जारी नहीं हो रही है। इससे गरीब लोगों की परेशानी बढ़ गई है। कुछ हितग्राहियों ने यह भी आरोप लगाया है कि निगम में इस संबंध में पूछने जाओ तो स्पष्ट जानकारी नहीं दी जाती। इससे हितग्राहियों में आक्रोश पनप रहा है।
ज्ञात हो कि पीएम आवास की राशि हितग्राहियों को चार किश्तों में जारी होती है। मकान का नींव निकालने पर पहली किश्त जारी होती है, प्लींथ लेवल में दूसरी, छत ढलाई में तीसरी और मकान पूरा होने पर चौथी किश्त जारी होती है। इस बीच निगम के इंजीनियर लगातार हितग्राहियों के घर पहुंचकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाते हैं। ऐसे में जब हितग्राही मकान बनाना प्रारंभ कर चुका है, तो फिर निरीक्षण करने की बात कहकर क्यों अधिकारियों द्वारा हितग्राहियों को गुमराह किया जा रहा है।
प्रभार बदला, तो बदल गया नियम
Rajnandgaon News यदु ने कहा कि, पीएम आवास का प्रभार पहले दूसरे अधिकारियों के हवाले रहा। अब यह प्रभार निगम के सहायक अभियंता को सौंपा गया है। उन्होंने प्रभार लेते ही पीएम आवास की फाइलें रोके रखी हंै। कहा जाता है कि निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया जाएगा उसके बाद फाइलें आगे बढ़ेंगी। 18 सौ निर्माण कार्यों का निरीक्षण किस तरह तेजी से पूरा किया जाएगा। इसको लेकर उनके पास किसी तरह की कार्ययोजना नहीं है। यह फैसला महज हितग्राहियों की परेशान करने का तरीका है।
किस्तें रोका जाना गलत Rajnandgaon News पीएम आवास के तहत मिलने वाले अनुदान में 360 वर्ग फीट निर्माण के नियम को आधार बनाकर किस्तें रोकी जा रही है। यह हैरान करने वाला है। यदु ने कहा कि बीते सालों से पीएम आवास के तहत मिले अनुदान से घर बनवाएं हैं। इसमें लोगों ने कुछ अपनी बचत लगाई और कुछ बड़े घर बनवाए। तब भी शासन से उन्हें उन्हें पूरा अनुदान देता रहा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, इस स्थिति में निगम प्रशासन स्पष्ट करें कि पहले किए गए भुगतान गलत थे या अभी हितग्राहियों की किस्तें रोका जाना गलत है। अगर किसी हितग्राही के पास जगह है और कुछ राशि है, जिसे जोडक़र वह अपने मकान अपने परिवार के अनुसार बनवाना चाहता है, तो इसमें गलत क्या है ?
नेता प्रतिपक्ष ने लगाया आरोप
नेता प्रतिपक्ष यदु ने कहा कि निगम में 10 से ज्यादा सब इंजीनियर और 4 सहायक अभियंता हैं, लेकिन इतने बड़े प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी एक ही अधिकारी को क्यूं दी गई है यह भी समझ से परे है। उन्होंने यह भी मांग रखी कि पीएम आवास योजना की जिम्मेदारियां सहायक अभियंताओं को अलग-अलग जोन बनाकर सौंपी जाए, ताकि गरीबों के आवास निर्माण में तेजी आ सके।
नेता प्रतिपक्ष यदु ने कहा कि निगम में 10 से ज्यादा सब इंजीनियर और 4 सहायक अभियंता हैं, लेकिन इतने बड़े प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी एक ही अधिकारी को क्यूं दी गई है यह भी समझ से परे है। उन्होंने यह भी मांग रखी कि पीएम आवास योजना की जिम्मेदारियां सहायक अभियंताओं को अलग-अलग जोन बनाकर सौंपी जाए, ताकि गरीबों के आवास निर्माण में तेजी आ सके।