कोविड-19 के कारण पूरे भारत देश ही नहीं अपितु विश्व में भी लॉकडाउन की स्थिति निर्मित हो गई है जिससे पूरा विश्व जूझ रहा है। स्थिति की गंभीरता के कारण हर व्यक्ति संवेदनशील हो चुका है इसे विभिन्न दैनिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ा है। इसके अतिरिक्त देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कोविड-19 के सुरक्षा हेतु विभिन्न प्रयास वैज्ञानिक स्तर पर किए जा रहे हैं लेकिन देश में आज भी जागरूकता का अभाव दिखाई देता है और आम जनता में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर गंभीरता का अभाव है। इसके चलते प्रशासन को आए दिन दो-चार होना पड़ता है।
होगा कारगर विभिन्न वाणिज्यिक स्थलों पर लोगों की भीड़ देखी जा सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए डोंगरगढ़ के छात्र आशुतोष उपाध्याय ने सॉफ्टवेयर तैयार किया है जिसके अंतर्गत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वाले की जानकारी प्रशासन को शीघ्र मिल सकेगी। कोविड-19 के सुरक्षा हेतु वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से इसे रोकने के लिए एवं लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए अपने स्तर पर छात्रों द्वारा ये कार्य किया गया है।
रखा गया यह नाम पूरी तरीके से ऑटोनॉमस सिस्टम का निर्माण किया गया है जिसका नाम है एस्पेक्ट-ऑटोनोमस सिस्टम टू प्रिवेंट कोरोनावायरस ट्रांसमिशन। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत बहुत से कार्य किए गए हैं जैसे कि- सोशल डिस्टेंसिंग, ऑटोनॉमस थर्मल स्कैनिंग, मास्क डिटेक्शन, ऑटोनॉमस थेफ्ट डिटेक्शन, ऑटोनॉमस पार्किंग टिकट, ऑटोनॉमस क्राउड मॉनिटरिंग और पैनिक डिटेक्शन। जिनके इस्तेमाल से हम कोरोनावायरस पर जीत हासिल कर सकते हैं। इसके प्रयोग से प्रशासनिक क्षेत्र में बहुत सहायता मिल सकती है।
इनका भी रहा सहयोग छात्रों ने छत्तीसगढ़ शासन को भी पत्र लिखकर सूचित किया है जिससे पूरे प्रदेश में इसका लाभ मिल सके। आशुतोष के अतिरिक्त इस कार्य में राजस्थान अलवर के अनिरुद्ध यादव और अजमेर की जानवी सोलंकी ने भी सहयोग दिया है। इस प्रोजेक्ट की सलाहकार एसआरएम चेन्नई की फैकल्टी वैष्णवी मूर्ति हैं जिनके सहयोग एवं मार्गदर्शन में यह कार्य किया जा रहा है।