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सर्वर डाउन, अप्रशिक्षित आयुष्मान मित्र, मुफ्त में इलाज नहीं करा पा रहे मरीज, मजबूरन देना पड़ रहा कैश

locationराजनंदगांवPublished: Sep 21, 2018 04:16:04 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

ऑनलाइन सर्वर और साफ्टवेयर को चलाने में परेशानी के कारण लोगों को स्मार्ट कार्ड से इलाज के कराने में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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सर्वर डाउन, अप्रशिक्षित आयुष्मान मित्र, मुफ्त में इलाज नहीं करा पा रहे मरीज, मजबूरन देना पड़ रहा कैश

राजनांदगांव. ऑनलाइन सर्वर और साफ्टवेयर को चलाने में परेशानी के कारण लोगों को स्मार्ट कार्ड से इलाज के कराने में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में लोगों को मजबूरन कैश देकर इलाज कराना पड़ रहा है। यह स्थिति प्रधानमंत्री के आयुष्मान भारत योजना लागू होने के बाद निर्मित हुई है।
चूंकि आयुष्मान भारत योजना की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन सर्वर में करना है। इसके लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित कंप्यूटर ऑपरेटर को बीमा कंपनी ने अस्पतालों में तैनात की है, लेकिन वे भी इस साफ्टवेयर के बारे में पूरी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। इस पांच दिनों में जिले के गरीब जनता को करीब 50 लाख से अधिक का नुकसान हो चुका है।
१६ सितंबर को लांच किया
इससे बीमा कंपनी को सीधा लाभ हो रहा है। इधर कंप्यूटर ऑपरेटरों कर्मचारियों में रोष है, वे इसकी शिकायत करने की तैयारी में है। चूंकि १५ अगस्त से योजना लागू हो चुका है। समय सीमा बढ़ाकर इसे १६ सितंबर को संपूर्ण रूप से लांच किया गया। इस बीच कंपनी ने अपने ऑपरेटरों को ठीक ढंग से प्रशिक्षित नहीं किया।
इसके अलावा सर्वर और साफ्टवेयर को भी दुरुस्त नहीं किया गया। एक महीना का समय मिलने के बाद भी कंपनी ने गंभीरता नहीं दिखाई। इस तरह बीमा कंपनी क्लेम की राशि बचाने का काम कर रही है। नई कंपनी ने जिम्मेदारी मिलते ही पुराने बीमा कंपनी के प्रशिक्षित कंप्यूटर ऑपरेटरों को नौकरी से निकाल दी है।
तकनीकी दिक्कतों के चलते परेशानी
राजनांदगांव जिले के करीब १६ अस्पताल में स्मार्ट कार्ड की सुविधा दी जा रही है। चूंकि १६ सितंबर से प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत हो चुकी है। इसके अंतर्गत करीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को स्वास्थ्य बीमा के रूप में ५ लाख रुपए की सुविधा मिलेगी। वहीं स्मार्टकार्ड से इलाज में पारदर्शिता लाने के लिए इसे भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत स्मार्टकार्ड व आयुष्मान भारत के लाभार्थी को ऑनलाइन सर्वर में केवाईसी कराया जाता है। इसके बाद कंपनी से अप्रुवल मिलने के बाद ही अस्पताल प्रबंधन स्मार्टकार्ड से इलाज करना शुरू कर रहा है लेकिन केवाईसी मिलान, साफ्टवेयर में कई तकनीकी समस्याएं आ रही हैं।
पुराने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 15 अगस्त 2018 से की गई है। इसे १६ सितंबर को लागू किया गया। इससे पहले विडाल नाम की बीमा कंपनी को टेंडर मिला था, अब आयुष्मान भारत स्कीम लागू होने के बाद स्वास्थ्य बीमा का टेंडर रेली गियर इंश्योरेंश कंपनी को दी गई है।
ये कंपनी आते ही पहले से जिले में स्मार्टकार्ड का काम देख रहे 13 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण लेने वाले करीब ३२ ऑपरेटरों को आयुष्मान मित्र के रूप में तैनात किया गया है, लेकिन ठीक ढंग से प्रशिक्षण नहीं होने के कारण इन्हें भी साफ्टवेयर को चलाने में तकनीकी परेशानी हो रही है।
केवाईसी करने में भी परेशानी
मिली जानकारी अनुसार स्मार्टकार्ड से इलाज कराने के लिए लाभार्थी का केवाईसी अपडेेट करना पड़ता है। आधार कार्ड व राशन कार्ड के नाम अलग-अलग होने पर भी समस्या आ रही है। अस्पताल में सर्वर डाउन होने से भी परेशानी आ रही है। अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य नोडल एजेंसी आयुष्मान भारत विरेंद्र कटरे ने बताया कि जो भी समस्याएं आ रही हैं, उसे दूर किया जा रहा है। लगातार स्थिति में सुधार है। नई चीज है, शुरुआत में थोड़ी दिक्कत तो होगी।
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