इससे बीमा कंपनी को सीधा लाभ हो रहा है। इधर कंप्यूटर ऑपरेटरों कर्मचारियों में रोष है, वे इसकी शिकायत करने की तैयारी में है। चूंकि १५ अगस्त से योजना लागू हो चुका है। समय सीमा बढ़ाकर इसे १६ सितंबर को संपूर्ण रूप से लांच किया गया। इस बीच कंपनी ने अपने ऑपरेटरों को ठीक ढंग से प्रशिक्षित नहीं किया।
राजनांदगांव जिले के करीब १६ अस्पताल में स्मार्ट कार्ड की सुविधा दी जा रही है। चूंकि १६ सितंबर से प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत हो चुकी है। इसके अंतर्गत करीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को स्वास्थ्य बीमा के रूप में ५ लाख रुपए की सुविधा मिलेगी। वहीं स्मार्टकार्ड से इलाज में पारदर्शिता लाने के लिए इसे भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत स्मार्टकार्ड व आयुष्मान भारत के लाभार्थी को ऑनलाइन सर्वर में केवाईसी कराया जाता है। इसके बाद कंपनी से अप्रुवल मिलने के बाद ही अस्पताल प्रबंधन स्मार्टकार्ड से इलाज करना शुरू कर रहा है लेकिन केवाईसी मिलान, साफ्टवेयर में कई तकनीकी समस्याएं आ रही हैं।
आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 15 अगस्त 2018 से की गई है। इसे १६ सितंबर को लागू किया गया। इससे पहले विडाल नाम की बीमा कंपनी को टेंडर मिला था, अब आयुष्मान भारत स्कीम लागू होने के बाद स्वास्थ्य बीमा का टेंडर रेली गियर इंश्योरेंश कंपनी को दी गई है।
मिली जानकारी अनुसार स्मार्टकार्ड से इलाज कराने के लिए लाभार्थी का केवाईसी अपडेेट करना पड़ता है। आधार कार्ड व राशन कार्ड के नाम अलग-अलग होने पर भी समस्या आ रही है। अस्पताल में सर्वर डाउन होने से भी परेशानी आ रही है। अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य नोडल एजेंसी आयुष्मान भारत विरेंद्र कटरे ने बताया कि जो भी समस्याएं आ रही हैं, उसे दूर किया जा रहा है। लगातार स्थिति में सुधार है। नई चीज है, शुरुआत में थोड़ी दिक्कत तो होगी।