बाघनदी सीमा पर प्रतिदिन दस हजार से अधिक मजदूर अभी आ रहे हैं इसलिए वहां संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि प्रत्येक मजदूर का स्क्रीनिंग हो उनके नाम पते नोट किए जाएं तथा वे अपने राज्यों या गंतव्य स्थान तक पहुंच सकें किंतु ऐसा वास्तव में नहीं हो रहा उसका मुख्य कारण मजदूरों की बड़ी संख्या का होना है। लगातार पहुंच रहे हैं मजदूरों में वे मजदूर भी हैं जो महाराष्ट्र की ओर से आने वाले विभिन्न ने ट्रकों में बैठकर बिना स्क्रीनिंग कराए या प्रदेश की हेल्पलाइन डेस्क में बिना अपना नाम नोट कराए छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे हैं, सरकार की व्यवस्था पूरी तरह फेल नजर आ रही है। मजदूर पैदल गांव की तरफ भी जा रहे हैं जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
संक्रमित मजदूर बाघनदी की धरती पर 1 घंटे से लेकर चार छ: दिनों तक रहते बसते हैं इसलिए वहां कार्यरत लोगों के साथ-साथ आसपास के ग्रामीणों पर भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। मजदूरों की वास्तविक संख्या जानने के लिए जब टोल प्लाजा मैं संपर्क किया तो राजनांदगांव के ठाकुरटोला व दुर्ग टोल प्लाजा से मंगलवार को 24 घंटों में 552 बसों को बाघनदी की ओर से रायपुर की ओर जाना बताया गया। वैसे तो पिछले सप्ताह की तुलना में छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों के आने की संख्या में काफ ी कमी आई है परंतु अभी भी किसी न किसी जिले में मुंबई एवं गुजरात से बस और ट्रक के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मजदूर आ ही रहे हैं आज यहां से गुजरने वाली कुछ बस छत्तीसगढ़ के सरायपाली के मजदूरों को ले जाती देखी गई। बाघनदी की ओर से रायपुर की ओर गई अधिकांश बसें महाराष्ट्र के मुंबई और गुजरात से उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों को लेकर जा रही है और एक बस में 40 से 50 मजदूर सवार थे।अभी तक तो टोल प्लाजा में प्रवासी मजदूरों को लेकर जाने वाली किसी भी बस से टोल नहीं लिया जा रहा था परंतु आज से एसडीएम के आदेश अनुसार सिर्फ छत्तीसगढ़ की बस को छोड़कर बाकी बसों से टोल वसूला जा रहा है।
प्रदेश में शायद ही दर्जनभर भी केस ऐसे होंगे जो यहां फैले हो। 90 प्रतिशत से अधिक लोग जो महाराष्ट्र गुजरात व आंध्रप्रदेश से आ रहे हैं संक्रमण ग्रस्त पाए गए हैं। क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे इन लोगों के माध्यम से गांव-गांव तक संक्रमण के फैलने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। अभी तक मिले लगभग साढ़े तीन सौ मजदूरों में तीन सौ से अधिक मजदूर प्रवासी हैं जो संक्रमण अपने साथ लेकर क्वॉरेंटाइन सेंटर में पहुंचे हैं। ऐसी स्थिति में जून माह में कोरोना वायरस का बम प्रदेश को एक बड़े आंकड़े की ओर ले जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। बाघनदी बॉर्डर में पहुंच रहे प्रदेश के मजदूरों की पूरी तरह वहीं पर जांच हुए बिना आगे बढऩे से रोका जाए तभी प्रदेश में कोरोना वायरस से लडऩे में हम सक्षम हो पाएंगे।