खसरा नंबर 41, 161, 404, 472, 614, 625 कुल खसरा 6 में दर्ज लगभग 60 एकड़ भूमि ऑनलाइन रिकॉर्ड में भी ग्राम के किसान नरेंद्र साहू, अर्जुन यादव, महा सिंह सतनामी, रामजी पटेल, कन्हैया साहू आदि किसानों के नाम पर भूमि को बताया जा रहा है। पूर्व से अब तक आम निस्तार और चरागाह के लिए संरक्षित किया गया है परंतु राजस्व अभिलेख में उक्त भूमि को शामलात खाते के बावजूद ऋण पुस्तिका क्रमांक 545737 में दर्ज दिखाया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि शासकीय चरागाह की जमीन एक किसान के भूमि स्वामी हक के नाम पर आखिर कैसे दर्ज हो गई, इस बात का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है।
अफरा-तफरी और बंदरबांट की भी आ रही शिकायत जमीन अचानक भूमि स्वामी हक में दर्ज हो जाना और ग्रामीणों के विरोध के बाद वापस पुन: शासकीय जमीन के रूप में अभिलेख दुरुस्त कर दिया जाना कई ग्रामीणों एवं क्षेत्र के जानकार लोगों को अभी भी हजम नहीं हो रही है। जिले में कई जगहों पर शासकीय भूमि के अफरा-तफरी एवं बंदरबांट की कई शिकायतें आई हैं। डोंगरगढ़ तहसील में तो पटवारी समेत राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। इस कार्रवाई में पटवारी और कुछ भूमाफिया जेल भी जा चुके हैं।
आगे की कार्रवाई की जाएगी राजनांदगांव एसडीएम मुकेश रावटे ने कहा कि यह सरकारी जमीन की अफरा तफरी का मामला बहुत गंभीर है। मैं पहले उक्त पूरे मामले की जांच करवा लेता हूं। उसके बाद आगे जो भी कार्रवाई बनती है अवश्य की जाएगी।