पालिका अधिकारी पर भाजपा ने लगाया परिषद के निर्णय की अवहेलना का आरोप ...
भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी पर परिषद के निर्णय की अवहेलना करने का आरोप लगाया है।

डोंगरगढ़. भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी पर परिषद के निर्णय की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। पार्षदों ने बताया कि उन्होंने 14 जुलाई को पालिका की बैठक में हुए निर्णय के खिलाफ जाकर कार्य किया है। उन्होंने पालिका की सबसे बड़ी वैधानिक संस्था परिषद में पारित निर्णय के खिलाफ निविदा से निरस्त कार्य को नहीं हटाया। जिसमें उन्होंने सीधे-सीधे परिषद की अवहेलना कर दी है।
गत 14 जुलाई को नगर पालिका भवन में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपस्थित पाषदों ने राजेश गजभिए को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। मुख्य नगर पालिका अधिकारी की उपस्थिति में यह बैठक संपन्न हुई थी। इस बैठक में कुल 27 विषयों को शामिल किया गया था जिसके विषय क्रमांक 22 में नेहरू कॉलेज, हाईस्कूल, मंदिर के सामने व सरकारी अस्पताल के सामने दुकान निर्माण का उल्लेख किया गया है जिस पर परिषद ने निर्णय लिया था कि सरकारी अस्पताल के सामने दुकान निर्माण को छोड़कर अन्य स्थानों पर दुकान निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई जिसका उल्लेख प्रोसिडिंग में भी किया गया है।
पालिका अधिकारी ने उसकी निविदा भी स्वीकार कर ली
परिषद में सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआ था कि अस्पताल के सामने दुकान निर्माण नहीं होगा किंतु पालिका अधिकारी ने उसकी निविदा भी स्वीकार कर ली है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि सीएमओ देशलहरा स्वंम को परिषद से ऊपर मानते हैं इसलिए बड़ी आसानी से उन्होंने परिषद की अवहेलना कर दी। जिस सरकारी अस्पताल के सामने दुकान निर्माण को निविदा में शामिल किया गया है वह औचित्यहीन है, क्योंकि जिस जगह पर दुकान निर्माण करने की योजना बनाई गई है वहां नगर पालिका की जगह है ही नहीं वह जगह स्वास्थ्य विभाग की है, फिर ऐसे में इस निविदा का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता। भाजपा पार्षदों ने जिलाधीश से इसकी शिकायत करने की बात कही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा
इस संबंध में जब हमने नेता प्रतिपक्ष अमित छाबड़ा से बातचीत की और पूछा कि जब परिषद में उक्त कार्य को निरस्त कर दिया गया था तो फिर टैंडर से निरस्त क्यों नहीं किया गया तो उन्होंने बताया कि 14 जुलाई को कार्यकारी अध्यक्ष राजेश गजभिए की अध्यक्षता में आयोजित परिषद की बैठक में सरकारी अस्पताल के सामने दुकान निर्माण को निरस्त कर दिया गया था और मुख्य नगर पालिका अधिकारी को उक्त कार्य को टेंडर से निरस्त करने की बात भी कही गई थी, लेकिन उसके बाद भी उक्त कार्य को निरस्त नहीं किया गया है, तो यह सीधे-सीधे परिषद की अवहेलना है। जबकि टेंडर फार्म 17 जुलाई से दिए जाने थे और तीन दिन में उक्त कार्य को निरस्त किया जा सकता था किन्तु ऐसा ना करके उन्होंने परिषद की गरिमा को धूमिल किया है।
अब पाइए अपने शहर ( Rajnandgaon News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज