करीब सौ से ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम कर चुके कलाकार नत्थू दादा ने राजकपूर के साथ मेरा नाम जोकर से अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत की थी। फिल्मों से रिटायरमेेंट के बाद वे राजनांदगांव के रामपुर गांव में पिछले कई सालों से गरीबी और बीमारी में दिन काट रहे थे। वर्ष 1982-83 में द सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन मुंबई का सदस्य क्रमांक 1472 यानि कि दादा नत्थू राम यानि कि नत्थू दादा रामटेके की पूंजी मुंबई में मायानगरी के उस दौर के नायाब कलाकारों के साथ बिताए लम्हे ही थे। महज दो फुट के बौने कलाकार ने एक दशक तो फिल्मी पर्दे पर लोगों को खूब हंसाया।
बॉलीवुड के दिग्गजों के साथ काम करने के बाद भी नत्थू दादा का आखिरी वक्त बेहद गरीबी में बीता वे महज हजार डेढ हजार रूपए की नौकरी करने करीब दस किलोमीटर का सफर रोज तय करते थे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि उनका कद महज दो फुट है पर इरादे बुलंद। ऊपर वाले ने उसे महज दो फीट का बनाया है लेकिन उसने अपने कद की कमी को कभी आड़े नहीं आने दिया और बुलंद हौसलों के साथ दुनिया का सामना किया लेकिन अब वह थक चुके हैं। उन्होंने बताया था कि फिल्मों में काम करने का काफी शौक था और जब काफी समय पहले उस दौर के मशहूर कलाकार दारा सिंह भिलाई में कुश्ती के कार्यक्रम में आए तो वे वहां उनकी कुश्ती देखने गए और उनसे मिले। उनके आमंत्रण के बाद वे मुंबई गए जहां दारा सिंह ने नत्थू दादा को कई फिल्में दिलवाईं।
राजकपूर, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, राजकुमार, प्रेमनाथ, दारा सिंह, अमजद खान, फिरोज खान, डैनी जैसे कई बड़े कलाकारों के साथ इसकी कई फिल्में चर्चित रहीं। उस दौर की कुछ फिल्मों में इसने अपने बौने कद के चलते मुख्य भूमिका भी निभाई नत्थू दादा ने बताया कि उन्होंने राजकपूर के साथ मेरा नाम जोकर में बौने जोकर की भूमिका निभाई। इसके बाद उनकी कई फिल्में आईं। अमिताभ बच्चन के साथ कस्मे वादे फिल्म में काम किया। उन्होंने एक किस्सा बताते हुए कहा था कि किस तरह फिरोज खान अभिनीत फिल्म खोटे सिक्के का नाम खोटे सिक्के पड़ा। उनके मुताबिक फिल्म में उनका अच्छा रोल था। फिल्म का नाम पहले कुछ और था लेकिन एक दिन बात करते करते उन्होंने फिरोज खान को कहा कि मैं तो खोटा सिक्का हूं, जो यहां चल रहा हूं तो फिरोज खान ने फिल्म का नाम ही खोटे सिक्के रख दिया। उन्होंने बताया कि यह फिल्म काफी हिट रही।