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CG बाल संरक्षण आयोग में पूर्व MLA की नियुक्ति का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, याचिकाकर्ता ने कहा अपात्र को बना दिया है अध्यक्ष

locationराजनंदगांवPublished: Jul 25, 2021 01:08:51 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग (Chhattisgarh State Commission for Protection of Child Rights) में राज्य सरकार द्वारा अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है।

CG बाल संरक्षण आयोग में पूर्व विधायक की नियुक्ति का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, याचिकाकर्ता ने कहा अपात्र को बना दिया है अध्यक्ष

CG बाल संरक्षण आयोग में पूर्व विधायक की नियुक्ति का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, याचिकाकर्ता ने कहा अपात्र को बना दिया है अध्यक्ष

राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग में राज्य सरकार द्वारा अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। याचिका में बाल संरक्षण आयोग अधिनियम के खिलाफ जाकर अपात्र को अध्यक्ष नियुक्त करने का उल्लेख करते किया गया है। याचिका पर अभी सुनवाई शुरु नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि पत्रिका ने अधिनियम के विपरीत जाकर अपात्र को अध्यक्ष नियुक्त करने को लेकर विस्तार से खबर प्रकाशित किया था।
नियम विरूद्ध हुई है नियुक्ति
राज्य सरकार ने राजनांदगांव जिले की मोहला-मानपुर की पूर्व विधायक तेजकुंवर नेताम को अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने की घोषणा की है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के लिए अधिनियम के अनुसार स्नातक तक की शिक्षा अनिवार्य है और अध्यक्ष के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष निर्धारित है। राज्य सरकार ने जिस महिला की नियुक्ति की घोषणा की है उसके द्वारा चुनाव आयोग में जो विवरण चुनाव लडऩे वक्त जमा किया गया था उसके अनुसार वह आठवीं पास है और इस समय उसकी उम्र 66 वर्ष है।
हाईकोर्ट में दी चुनौती
जानकारी के अनुसार भिलाई के अभिषेक कुमार चौबे ने अधिनियम की प्रति प्रस्तुत करते हुए हाईकोर्ट में राज्य सरकार की नियुक्ति को चुनौती दी है। चौबे ने अपने अधिवक्ता योगेश्वर शर्मा के माध्यम से सरकार द्वारा की गई नियुक्ति को अधिनियम के खिलाफ बताते हुए इस पर हस्तक्षेप का आग्रह हाईकोर्ट से किया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा इस आयोग में जिस नाम की घोषणा की गई है, वह अधिनियम के खिलाफ है। ऐसे में उच्च न्यायालय में याचिका लगाई गई है। उन्होंने बताया कि अभी याचिका पर हाईकोर्ट की ओर से कोई फैसला नहीं आया है।
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