अंबागढ़ चौकी थाने में पदस्थ आरक्षक आरती कुंजाम की हत्या करने और उसके शव के कई टुकड़े करने वाले आरोपी सब इंस्पेक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नौ दिन पहले डोंगरगांव के पास बगदई नदी में एक अज्ञात महिला का शव मिला था। इस शव की शिनाख्त न हो पाए, इसलिए उसका सिर काट दिया गया था। हाथ और पैर भी काट दिए गए। बाद में यही कटे हुए अंग मृतका की शिनाख्ती की वजह बने।
दरअसल, मिली सिरकटी लाश के कंधे और पैर के जांघ के पास रॉड लगा हुआ था। इस लाश के मिलने के दो दिन पहले से अंबागढ़ चौकी में पदस्थ महिला आरक्षक आरती कुंजाम लापता हो गई थी। आरती का पूर्व में एक्सीडेंट हुआ था और उसके शरीर में इन्हीं दो जगहों पर रॉड लगा था। इस आधार पर उसके पिता ने शव की शिनाख्त आरती के रूप में की। शव की शिनाख्त होने के बाद एक एक कर कड़ी जुड़ती गई और हत्या का सच सामने आ गया।
महिला आरक्षक के शव की पहचान होने के बाद उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए उसके गांव ले जाया गया था। इस दौरान आरोपी सब इंस्पेक्टर धनेश्वर नापित भी वहां पहुंचा था और शव में बकायदा कफन भी ओढ़ाया था।
प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस मीडिया के कई सवालों का गोलमोल जवाब देती रही। आरोपी एसआई को पेश नहीं करने सहित घटना की मुख्य वजह और एक आरक्षक के दो दिन से लापता होने जैसे सवालों पर एएसपी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।
वर्ष २०१३ से पुलिस की नौकरी में आए नापित के साथ चंद्रखुरी में ट्रेनिंग करने वाले उसके बैचमैट इस घटना से हैरान हैं। नापित के कुछ बैचमैट ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि ट्रेनिंग के दौरान नापित एक सीधा साधा व्यक्ति था। ट्रेनिंग के बाद भी जब वह पोस्टिंग के लिए निकला, बेहद सरल सा था। ऐसे में भरोसा नहीं हो रहा है कि ऐसा कैसे हो गया।
पुलिस को गुमराह करने आरोपी ने फिल्म दृश्यम का तरीका अपनाया था। उसने मृतका के मोबाइल को रायपुर की ओर जा रही ट्रक में फेंक दिया था। रायपुर जाकर मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था। इसलिए मृतका का अंतिम लोकेशन रायपुर पता चल रहा था। फेंकने से पहले आरोपी ने मृतका के मोबाइल से उसकी बहन को संदेश भेजा कि मैं कल रायपुर जा रही हूं।
हत्या करने के बाद वह घर लौट आया और अपनी कार लेकर फिर मौके पर पहुंचा। इसके बाद शव को कार की डिक्की में रखकर एक रात व एक दिन तक रखे रहा। आरोपी ने दूसरी रात टंगिए से मृतका के सिर और हाथ पैर को काटने के बाद सिर, हाथ व पैर को चौकी के पास शिवनाथ नदी के बहाव में फेंक दिया और बाकी धड़ को एक पॉलिथिन में रखकर डोंगरगांव क्षेत्र के बगदई नदी के पास ले गया उसे पुल के नीचे पानी के बहाव में फेंक दिया।
पुलिस प्रशासन द्वारा मामले का खुलासा प्रेसवार्ता में की गई लेकिन जघन्य हत्या के आरोपी सब इंस्पेक्टर को मीडिया के सामने नहीं लाया गया। इस संबंध में बात करने पर एएसपी तारकेश्वर पटेल ने समय कम होने का हवाला दिया जबकि पुलिस ने आरोपी को पिछले तीन दिन से हिरासत में ले लिया था।
आरोपी सब इंस्पेक्टर नापित अपने परिवार के साथ अंबागढ़ चौकी में ही रहता था। वह मूलत: अंबिकापुर से है। नापित के परिवार में उसकी पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं। एक बच्चे की उम्र करीब दो ढाई महीने है।
महिला आरक्षक आरती कुंजाम की हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। अवैध संबंध और ब्लैक मेलिंग के चलते चौकी थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर धनेश्वर नापित ने थाने में पदस्थ महिला आरक्षक की निर्मम हत्या की थी। महिला आरक्षक आरती कुंजाम की गला घोंटकर हत्या करने के बाद आरोपी सब इंस्पेक्टर ने उसके सिर व हाथ पैर को काट कर शव को नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपी को धारा 302, 201 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
मामले का पत्रवार्ता में खुलासा करते हुए एएसपी तारकेश्वर पटेल ने बताया कि मृतिका आरक्षक व आरोपी सब इंस्पेक्टर धनेश्वर नापित के बीच लगभग डेढ़ साल से अवैध संबंध चल रहा था। एएसपी पटेल ने बताया कि पिछले 19 अगस्त को आरोपी नापित और महिला आरक्षक आरती कुंजाम का विवाद हो गया था।
धमकी के बाद वह घबरा गया और उसने 19 और 20 अगस्त की रात्रि आरती को समझाने की कोशिश की। 20 अगस्त की रात 11 बजे आरोपी महिला आरक्षक आरती को अपनी बाईक में बैठाकर कृषि कालेज परिसर ले गया और उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन महिला आरक्षक ने जब अपने फोन से नापित की पत्नी को मैसेज करने की कोशिश की तो गुस्साए धनेश्वर ने आरती का गला दबा दिया जिससे उसकी मौत हो गई। आरोपी ने लाश को वही परिसर में छुपा दिया।
महिला आरक्षक की हत्या मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। आरक्षक 21 अगस्त को अंबागढ़ चौकी थाना में ड्यूटी में तैनात थी। इसके बाद वह गायब हो गई। बावजूद इसके थाना के जिम्मेदारों ने इसकी जानकारी नहीं ली जबकि थाना में रोजाना ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों की गणना व आमद होती है।