राजनांदगांव के गौरव पथ में डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी कन्या हायर सेकंडरी स्कूल है। करीब साल भर पहले अफसरों को सनक चढ़ी कि राजनांदगांव में एक मॉडल स्कूल बनाना है। इस स्कूल को इसके लिए चुना गया। स्कूल के अध्ययन कक्ष से लेकर पूरे परिसर को नया रंग दिया गया। लाखों रूपए खर्च कर निजी स्कूल जैसा माहौल तैयार किया गया। इस स्कूल का परिणाम अन्य सरकारी स्कूलों से बेहतर रहता था, संभवत: इसी वजह से इस स्कूल को मॉडल स्कूल बनाने चुना गया लेकिन मॉडल रूप देकर प्राचार्य समेत सारे स्टाफ को बदल दिया गया।
तत्कालीन मुख्यमंत्री के हाथों जिस दिन स्कूल का उद्घाटन हुआ उसी दिन (4 अक्टूबर) तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी पीकेएस बघेल ने एक आदेश जारी कर बख्शी स्कूल की प्राचार्य सुनीता खरे समेत 16 व्याख्याताओं को दूसरी जगह भेज दिया। इस तबादला आदेश में भी शासकीय पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्कूल के नाम के साथ बकायदा ‘मॉडलÓ शब्द जोड़ा गया। उनके स्थान पर विषय विशेषज्ञ के में अलग अलग जगहों से व्याख्याता यहां अटैच किए गए। हाल ही में मौजूदा जिला शिक्षा अधिकारी गिरधर कुमार मरकाम ने शिक्षा विभाग के सारे अटैचमेंट को खत्म करने का आदेश दिया लेकिन बख्शी स्कूल का ‘खासÓ मानते हुए यहां हुए संलग्रीकरण को यथावत रखने का उल्लेख किया।
मॉडल स्कूल के नाम पर इतराने वाले राजनांदगांव को विधानसभा के एक सवाल के जवाब में चौंकाने वाली जानकारी मिली है। जनवरी-मार्च 2019 में आयोजित छत्तीसगढ़ विधानसभा में डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू ने सवाल पूछा कि स्कूल शिक्षा मंत्री बताएं कि राजनांदगांव जिले में किस स्कूल में मॉडल स्कूल संचालित किया जा रहा है। इस सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षामंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब दिया कि राजनांदगांव जिले में शिक्षा विभाग के अंतर्गत मॉडल स्कूल संचालित नहीं है।
पूरे स्टॉफ को बदलकर यहां इंटरव्यू कर नए व्याख्याता लाए जाने के बाद भी यहां के परीक्षा परिणाम में दसवीं में बढ़ोत्तरी और 12 वीं में कमी आई है। कक्षा दसवीं में यहां का परिणाम सत्र 2017-18 में 70.96 प्रतिशत था जबकि इस बार इसमें ठीक सुधार हुआ है और यह बढ़कर 89.25 हुआ है। बारहवीं में पिछली बार परिणाम 92 प्रतिशत था जो कम होकर 87.71 हो गया है।