शुक्ला ने शुक्रवार दोपहर प्रेस क्लब में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि अब भाजपा वो पार्टी नहीं रही, जो अपने सिद्धांतों के लिए जानी जाती थी। उन्होंने कहा कि ३५ साल तक भाजपा में रहकर जब उन्होंने यह महसूस किया तब उन्होंने इस पार्टी को अलविदा करने का फैसला लिया।
इसके लिए बकायदा अपने चाचा अटल बिहारी वाजपेयी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और यशवंत सिन्हा से चर्चा कर इजाजत ली। उन्होंने कहा कि भाजपा में आडवाणी जी का लगातार अपमान हो रहा है और वे भी इसी तरह के अपमान के कारण पार्टी से बाहर हुई हंै।
शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह को चावल वाले बाबा कहा जाता है, लेकिन वे अब दारू वाले बाबा बन गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 15 सालों में मुख्यमंत्री और उनकी पूरी टीम ने भ्रष्टाचार के कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कई प्रकार के भ्रष्टाचार हुए, गलत काम हुए लेकिन मुख्यमंत्री ने किसी भी मामले की जांच नहीं कराई। उन्होंने इस संबंध में झीरम घाटी हमला और पनामा पेपर लीक का भी जिक्र किया।
कांग्रेस प्रत्याशी शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. सिंह उनके समक्ष कोई बड़ी चुनौती नहीं हंै बल्कि वे मुख्यमंत्री के लिए बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों के कुशासन से जनता त्रस्त हो गई है और अब इसका जवाब देने का वक्त आ गया है।