सीएम की घोषणा से नगरवासियों में हर्ष
ज्ञात हो कि नगर के वर्षों पुराने तहसील की मांग को मुख्यमंत्री सिंह के द्वारा घोषणा होने पर उपस्थित जनसमूह में खुशी से झूम उठे थे। क्योंकी इस मांग को लेकर वर्षों से नगरवासियों के द्वारा संघर्ष किया जा रहा था जो आखिरकार डॉक्टर रमन सिंह के तीसरे कार्यकाल के आखरी सत्र में पूरा हुआ। इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का नगर के जनप्रतिनिधियों एवं नगरवासियों ने अभिवादन भी किया था।
ज्ञात हो कि नगर के वर्षों पुराने तहसील की मांग को मुख्यमंत्री सिंह के द्वारा घोषणा होने पर उपस्थित जनसमूह में खुशी से झूम उठे थे। क्योंकी इस मांग को लेकर वर्षों से नगरवासियों के द्वारा संघर्ष किया जा रहा था जो आखिरकार डॉक्टर रमन सिंह के तीसरे कार्यकाल के आखरी सत्र में पूरा हुआ। इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का नगर के जनप्रतिनिधियों एवं नगरवासियों ने अभिवादन भी किया था।
६० पंचायतों के ग्रामीणों को मिलेगा लाभ
वर्षों से गंडई क्षेत्र के लोगों को राजस्व और तहसील संबंधी कार्यों के लिए छुईखदान जाना पड़ता था जो अब पूर्ण तहसील के सेटअप होते ही नहीं जाना होगा जिससे क्षेत्र की आम जनता को काफी राहत मिलेगी और अतिरिक्त खर्च भी बचेंगे। गंडई में तहसील होने के बाद से जिले के आखरी छोर बकरकट्टा, समुंदपानी से लेकर दुल्लापुर, चिलगुड़ा, पेंडरवानी के आखरी छोर के लगभग 60 पंचायतों के ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा। जिससे लोगों को बहुत राहत मिलने की उम्मीद थी।
वर्षों से गंडई क्षेत्र के लोगों को राजस्व और तहसील संबंधी कार्यों के लिए छुईखदान जाना पड़ता था जो अब पूर्ण तहसील के सेटअप होते ही नहीं जाना होगा जिससे क्षेत्र की आम जनता को काफी राहत मिलेगी और अतिरिक्त खर्च भी बचेंगे। गंडई में तहसील होने के बाद से जिले के आखरी छोर बकरकट्टा, समुंदपानी से लेकर दुल्लापुर, चिलगुड़ा, पेंडरवानी के आखरी छोर के लगभग 60 पंचायतों के ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा। जिससे लोगों को बहुत राहत मिलने की उम्मीद थी।
बड़े क्षेत्रफल के बावजूद विकास नहीं
ज्ञात हो कि गंडई शहर सहित आस-पास के ग्राम पंचायत को देखे तो राजनांदगांव जिले में बड़ा राजस्व देने और जनसंख्या में भी बहुत बड़ा क्षेत्रफल गंडई ही है। मगर उसके बावजूद आज तक यह क्षेत्र विकास से कोसो दूर है। आज तक इस क्षेत्र के लोगों को अपने छोटे से छोटे कार्यों के लिए 20 किलोमीटर दूर छुईखदान जाना पड़ता है। जबकि छुईखदान और खैरागढ़ की दूरी महज लगभग 12 किलोमीटर है। गंडई और खैरागढ़ की दूरी 35 किलोमीटर के आसपास है। मात्र 12 किलोमीटर के अंतराल में सारी सुविधाएं संचालित है। 35 किलोमीटर की दूरी के लोगों को वापस 20 किलोमीटर सफर तय कर अपने शासकीय कार्यों के लिए जाना पड़ता है। कई दिनों तक चक्कर काटने पड़ते हैं जो एक दुर्भाग्य की बात है। वही प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि 1 जुलाई से पूरा सेटअप हो जाना था लेकिन कोई गाइडलाइन नहीं आई है।
ज्ञात हो कि गंडई शहर सहित आस-पास के ग्राम पंचायत को देखे तो राजनांदगांव जिले में बड़ा राजस्व देने और जनसंख्या में भी बहुत बड़ा क्षेत्रफल गंडई ही है। मगर उसके बावजूद आज तक यह क्षेत्र विकास से कोसो दूर है। आज तक इस क्षेत्र के लोगों को अपने छोटे से छोटे कार्यों के लिए 20 किलोमीटर दूर छुईखदान जाना पड़ता है। जबकि छुईखदान और खैरागढ़ की दूरी महज लगभग 12 किलोमीटर है। गंडई और खैरागढ़ की दूरी 35 किलोमीटर के आसपास है। मात्र 12 किलोमीटर के अंतराल में सारी सुविधाएं संचालित है। 35 किलोमीटर की दूरी के लोगों को वापस 20 किलोमीटर सफर तय कर अपने शासकीय कार्यों के लिए जाना पड़ता है। कई दिनों तक चक्कर काटने पड़ते हैं जो एक दुर्भाग्य की बात है। वही प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि 1 जुलाई से पूरा सेटअप हो जाना था लेकिन कोई गाइडलाइन नहीं आई है।
कोई पत्र नहीं आया
अनुविभागीय अधिकारी हेमंत मतस्यपाल ने कहा कि गंडई को तहसील से संबंधित राजपत्र में शायद प्रकाशित नहीं हुई होगी। होता तो सभी को पता चल जाता इस संबंध में जिला कार्यालय से कोई पत्र नहीं आया है।
अनुविभागीय अधिकारी हेमंत मतस्यपाल ने कहा कि गंडई को तहसील से संबंधित राजपत्र में शायद प्रकाशित नहीं हुई होगी। होता तो सभी को पता चल जाता इस संबंध में जिला कार्यालय से कोई पत्र नहीं आया है।
जानकारी दे दी जाएगी
कलक्टर राजनांदगांव भीम सिंह का कहना है कि गंडई को तहसील से संबंधित सेटअप नहीं आया है। आते ही जानकारी दे दी जाएगी।
कलक्टर राजनांदगांव भीम सिंह का कहना है कि गंडई को तहसील से संबंधित सेटअप नहीं आया है। आते ही जानकारी दे दी जाएगी।