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11 साल बाद भी सिविल अस्पताल को नहीं मिल पाई सुविधाएं, स्टाफ की भी कमी

locationराजनंदगांवPublished: Oct 15, 2019 11:47:52 am

Submitted by:

Nakul Sinha

लोकवाणी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 50 बिस्तर अस्पताल की घोषणा की

Civil hospital could not get facilities even after 11 years, lack of staff

11 साल बाद भी सिविल अस्पताल को नहीं मिल पाई सुविधाएं, स्टाफ की भी कमी

राजनांदगांव / खैरागढ़. 11 साल पहले सिविल अस्पताल का दर्जा मिलनें के बाद भी शहर का विरासतकालीन अस्पताल कमिंयों और समस्याओं से जुूझ रहा है। रविवार को लोकवाणी कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नें यहां 50 बिस्तर अस्पताल बनानें की घोषणा की है लेकिन यहां 11 साल से सिविल अस्पताल समस्याओं के साथ केवल कागजों में ही चल रहा है न अभी तक यहां पर्याप्त चिकित्सा स्टाफ मिल पाए न कोई व्यवस्था बढ़ पाई और सबसे बड़ी परेशानी अस्पताल को पिछले 11 साल में डीडीओ पावर ही नही मिल पाया जिसके कारण हर आर्थिक व्यवस्था के लिए जिला चिकित्सा अधिकारी के बूते यहाँ काम निपट रहा है। 50 बिस्तर अस्पताल की घोषणा से आस जरूर जगी है लेकिन पूरे इलाके को स्वास्थ्य सेवा देने वाला सिविल अस्पताल खुद की समस्याओ को दूर नही कर पा रहा है।
11 साल पहले मिला सिविल अस्पताल का दर्जा
खैरागढ़ ब्लाक सहित आसपास के इलाकों के 216 गांवों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करानें वाले इस अस्पताल को 11 वर्ष पूर्व 2008 में सिविल अस्पताल का दर्जा सरकार ने दिया लेकिन अभी तक वो कागजी साबित हुआ। न चिकित्सक बढ़े और न ही स्टाफ के साथ कोई सुविधा। एक्सरें की सबसे पूरानी मशीन से ही एक्सरे जारी है स्टाफ और डाक्टर क्वार्टर जर्जर है जिसकी ढंग से मरम्मत नही हो पाई। पेइंग वार्ड और जनरल वार्डो में मरीजों को पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाती। डीडीओ पावर नही होने से अस्पताल में होने वाले खर्च सहित बेतन बिल और अन्य बिलो के लिए जिला अस्पताल के भरोसे रहना पड़ता है। फंड समय पर नहीं मिलने से जल बिजली और सफाई व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होती है। दवाईयों सहित अन्य खरीदी बाजार से उधारी में करनी पड़ती है।
भवन क्वार्टर जर्जर बीएमओ रह रहे किराए से
सिविल अस्पताल के ओपीडी, पोषण पूर्नवास और चिकित्सक सहित स्टाफ क्वार्टर इतने जर्जर हो चुके है कि बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन क्वार्टर छोड़कर किराए के मकान में रह रहे है। ओपीडी की 14 साल पहले मरम्मत की गई थी जबकि कुछ माह पहले शुरू की गई पोषण पूुनर्वास केंद्र में छत से पानी सीपेज के कारण इसे बंद करना पड़ा। केंद्र में मरम्मत कार्य जारी है जिसके कारण यहां आने वाले कुपोषण के शिकार लोगों को गंडई और राजनांदगांव शिफ्ट करना पड़ रहा है। भवन पुरानी और क्वार्टर जर्जर होने के कारण फिलहाल यहां चिकित्सक क्वार्टर के लिए 84 लाख रू की स्वीकृति टेंडरों में अटकी पड़ी है। मरच्यूरी के लिए 17 लाख रू की स्वीकृति पर लेदेकर उसका निर्माण शुरू हुआ है लेकिन जगह को लेकर विरोध शुरू हो गया है।
50 बिस्तर अस्पताल से मिलेगा फायदा
रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लोकवाणी कार्यक्रम में जोगी कांग्रेस नेता नासिर मेमन ने सीएम के सामनें सिविल अस्पताल की उपरोक्त समस्याओं को सामनें रखा जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खैरागढ़ में 50 बिस्तर अस्पताल स्वीकृति की घोषणा की। 50 बिस्तरों का अस्पताल बननें के बाद अगर उसका पूरा सेटअप मिला तो इलाके को इलाज में इसका सबसे बड़ा फायदा मिलेगा। मिली जानकारी मुताबिक 50 बिस्तर अस्पताल बनने पर लगभग 17 चिकित्सकों और 50 नर्सो का सेटअप कर्मचारियों के साथ मिलेगा। संगीत विवि में देश विदेश के छात्र-छात्राओं के इलाज के लिए अलग चिकित्सक की व्यवस्था हो पाएगी। उपजेल के साथ लगभग सभी कार्यो के लिए पर्याप्त चिकित्सक मौजूद रहेंगे। सिविल अस्पताल में डिलवरी सहित सिजेरियन आपरेशन की व्यवस्था बनेगी जिसके कारण प्रसव पीड़ा में रिफर होने वाले मरीजों का इलाज यही हो पाएगा। तकनीकी रूप से कई मशीनरी सहित अन्य व्यवस्था यहां उपलब्ध हो पाएगी।
रोज 300 मरीज, 216 गांव का इलाज
सिविल अस्पताल में रोजाना ओपीडी में 3 सौ से अधिक मरीज इलाज और जांच के लिए आते है फिलहाल अस्पताल में लगभग 20 बिस्तर की व्यवस्था है सिविल अस्पताल में 216 गांवों के मरीज पहुंचते है इसके अलावा ब्लाक भर में 5 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 38 उपस्वास्थ्य केन्द्र यहां से संचालित होते है। कुछ इलाके मलेरियाजन्य क्षेत्र भी शामिल है। जहां अलग टीम कार्य करती है। सिविल अस्पताल में खोले गए जेनेरिक दवाई दुकान में भी अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की तुलना में यहां रोजाना 3 से 4 हजार रू की दवाईयाँ मरीज खरीदते है।
अब बदलेगी दिशा दशा
लोकवाणी में नासिर मेमन द्वारा स्वास्थ्य सुविधा को लेकर उठाए गए इस मुददे पर मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सिविल अस्पताल की दिशा दशा बदलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि सिविल अस्पताल में समस्याओं और सुविधाओं की मांगों को लेकर कई बार आवाजें उठी मांग और समस्याओं के निराकरण को लेकर स्थानीय से लेकर प्रदेश तक ज्ञापन और मांग की जाती रही, लेकिन इसका फायदा नही मिल पाया मुख्यमंत्री बघेल ने लोकवाणी में खैरागढ़ के सिविल अस्पताल की समस्याओं को गंभीरता से लेते यहां स्वीकृति देने के साथ पोषण पूनर्वास केंद्र को जल्द शुरू करने की बात कही है।
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