जैसे गर्भवती महिलाओं एवं सामान्य मरीजों को तथा बीपी शुगर वाले मरीज, जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत आहार में उपमा दलिया दूध एवं तरल पदार्थ नाश्ते के रूप में बदल बदल कर सभी मरीजों को देना है और खाने के लिए हरी सब्जी पालक एवं पौष्टिक आहार जैसे मीनू में तैयार किया गया है ऐसे सब्जी देना है लेकिन जो मीनू तैयार किया गया है। वह दिखावे मात्र के लिए साबित हो रहा है।
मरीजों से ली गई जानकारी पत्रिका प्रतिनिधि द्वारा निरीक्षण करने में पता चला कि सभी प्रकार के मरीजों को मंगलवार को नाश्ता मे दलिया के स्थान पर सिर्फ पोहा ही वितरण किया गया और बुधवार को भी पोहा दिया गया है। रोज सुबह नाश्ता में अलग-अलग आहार देने के प्रावधान के बावजूद अस्पताल रसोईया के द्वारा नहीं दिया जाता और न ही दलिया दिया दिया जा रहा है। रोज नाश्ते में सिर्फ पोहा ही दिया जाता है। निर्धारित मात्रा में मरीजों को न ही खाना मिलता है और न ही नाश्ता मिलता है, जो खाना व नाश्ता मरीजों को दिया जाता है, उससे लगता है कि मरीजों का पेट भी नहीं भर सकेगा कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान न ही मेनू देखा गया और न ही हरी सब्जी एवं नाश्ता के संबंध में मरीजों से जानकारी ली गई।
खाने की गुणवत्ता को देखी ही नहीं 16 जून 2020 को 11 मरीजों को सोयाबीन बड़ी सब्जी देने के लिए रसोइए के द्वारा तैयार किया गया था, देखने से पता चला की सब्जी इतनी कम मात्रा में थी कि 11 को नहीं 5 को ही देने लायक सब्जी की मात्रा थी, उसके बाद भी जिला प्रमुख द्वारा खाने की गुणवत्ता को नहीं देखी गई और न ही मरीजों को दिए जाने वाले आहार की मात्रा के बारे में टिप्पणी किया गया नगर में आए कलेक्टर साहब के निरीक्षण के दौरान लोगों में यह चर्चा बनी हुई थी कि जिले का इतना बड़ा मुखिया नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को देखने आए हैं।
कलेक्टर ने किया नजर अंदाज व्यवस्था मे सुधार होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ निरीक्षण के दौरान महिला वार्ड में भर्ती महिला मरीज ने बताया की रोटी प्रतिदिन एक ही टाइम दोपहर के खाने मे ही दिया जाता है। रात को मिलने वाले खाने मे रोटी दिया ही नही जाता कलेक्टर के रसोईया से बात करने पर रसोइया ने कहा कि रोटी दोनों टाइम मरीजों को दिया जाता है। प्रसुति कक्ष मे भोजन व्यवस्था देखने से पता चला कि दाल इतनी ज्यादा गुणवत्ताहीन थी एवं बनाने के बाद खाने के लायक भी नहीं था दाल से ज्यादा पानी ही था, उसके बावजूद कलेक्टर के द्वारा इन सब बातों को नजर अंदाज कर दिया गया।
नाश्ता में भी की जा रही घपलेबाजी इससे रसोई के ठेका लेने वाले ठेकेदार का बल्ले-बल्ले हो गया यही हाल सब्जी का है यहां ठेकेदार द्वारा निर्धारित मात्रा मे एवं गुणवत्ता हीन एवं प्रतिदिन देने वाले नाश्ता में भी नियमों का पालन नहीं हो रहा है। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुईखदान के बीपीएम बृजेश ताम्रकार ने बताया की इसके लिए समिति गठित कर प्रतिदिन निरीक्षण किया जाना चाहिए तभी खाने की गुणवत्ता में सुधार होगी।
मरीजों को नहीं दिया जा रहा लाभ उदयपुर के चिकित्सक छुईखदान में चिकित्सीय कार्य कर रहे है एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुईखदान में ही अपना उपस्थिति दर्ज करा रहे है। जबकि उनका पोस्टिंग उदयपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, उसके बावजूद डॉक्टर को शासकीय भवन छुईखदान मेंं ही रखा गया है, जिससे उदयपुर क्षेत्र में मिलने वाले मरीजों को लाभ से वंचित किया जा रहा है। इसी क्रम मे एक वर्ष पूर्व एक चिकित्सक का स्थानांतरण होने के बावजूद अभी तक छुईखदान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए बने निवास भवन को चिकित्सक द्वारा खाली नहीं किया गया है। छुईखदान में कार्यरत कर्मचारी शासकिय भवन के लिए आवेदन दिए है, परंतु भवन खाली न होने के कारण समस्या उत्पन्न हो रही है। इसकी जानकारी कलेक्टर को देने के बाद भी कोई भी कार्रवाई नहीं किया गया।
ठेका निरस्त किया जाएगा छुईखदान बीएमओ लीला रामटेके ने कहा कि मेनू के लिए शीघ्र ही ठेकेदार को नोटिस दिया जाएगा। मेनू के पालन नही करते पाए जाने पर ठेका निरस्त किया जाएगा।