कलक्टर ने कहा कुपोषण और एनीमिया दूर करने समुदाय की भागीदारी जरूरी ...
कलक्टर ने ली आंगनबाड़ी तथा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक

राजनांदगांव. कलक्टर जय प्रकाश मौर्य के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले के कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने और एनीमिया पीडि़त महिलाओं को इस समस्या से निजात दिलाने कमर कस लिया है। कलक्टर मौर्य ने इन दोनों समस्याओं को दूर करने स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले को पूरा सक्रिय कर अभियान शुरू कर दिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कार्यो की लगातार समीक्षा की जा रही है।
मौर्य ने मोहला में अम्बागढ़ चौकी, मोहला और मानपुर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक सह कार्यशाला में उनके साथ रूबरू चर्चा की। उन्होंने इनको सामने बुला कर विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति को परखा। उन्होंने मौके पर ही कोचटोला, कौड़ीकसा, जादूटोला क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की क्लास ली। कुपोषित बच्चों, एनिमिक महिलाओं, गर्भवती माताओं के लिए संचालित योजनाओं एएनसी चेकअप, टीकारण, आंगनबाड़ी में पौष्टिक आहार के बारे पूछताछ की।
कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए
मौर्य ने कहा कि कुपोषण और एनीमिया दूर करने लगातार प्रयास करने की जरूरत है। समुदाय की भागीदारी के बिना यह संभव नहीं है। घर परिवार वालों को समझाना होगा। परिवार सम्मेलन नियमित होना चाहिए। पारों मोहल्लों में चौपाल लगाकर जागरूकता लाना है। मौर्य ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को जिले में सफल बनाने सबको अपना काम करना है।
कार्यकर्ताओं ने बताई समस्याएं
मौर्य ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उनके कार्यों के दौरान आने वाली कठिनाइयों के बारे पूछा। कार्यकर्ताओं ने बड़े सरल और सहज ढंग से अपनी समस्याओं को बताया। कलेक्टर के कहने पर तीन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गृह भेंट के दौर गर्भवती माताओं की देखभाल और खानपान के संबंध परिवार की प्रमुख महिला सदस्य से चर्चा को रोचक तरीके से एक नाटक के रूप में प्रस्तुत किया।
प्रसव के बारे में ली जानकारी
कलक्टर ने सांगली, चिल्हाटी, भगवानटोला एवं कौड़ीकसा की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से गर्भवती माताओं के पंजीयन और संस्थागत प्रसव के बारे में जानकारी ली। अनेक कार्यकर्ताओं ने बताया कि जंगल क्षेत्रों में बरसात के दिनों में आवागमन के साधन नहीं होने के कारण घर में ही प्रसव हो जाते हैं। कई परिवार रोज-रोज समझाने के बाद भी हॉस्पिटल में गर्भवती माताओं का प्रसव कराने नहीं ले जाते।
टीकाकरण से कोई भी बच्चा नहीं छूटना चाहिए
कलक्टर मौर्य ने ऐसे गांव जहां चार से ज्यादा प्रसव घर मे हुए हैं उनकी सूची तैयार करने तथा उन गांवों के पंच-सरपंच तथा मुखिया लोगों की कार्यशाला कराने अधिकारियों को निर्देश दिए। मौर्य ने कहा कि कोई बच्चा टीकाकरण से छूटना नहीं चाहिए। इसी प्रकार गर्भवती माताओं का टीकाकरण हरहाल में होना चाहिए।
सही दिशा में काम करने की जरूरत
मौर्य ने कहा कि कुपोषण को दूर करने जन आंदोलन चलाना है। अज्ञानता और समझ की कमी के कारण बच्चों में कुपोषण और महिलाओं में एनीमिया की समस्या है। दूर दराज के क्षेत्रों में यह समस्या ज्यादा है, जो इलाका भौतिक रूप से दूर है वे मानसिक रूप से भी दूर है। मौर्य ने कहा कि कुपोषित बच्चों के परिजनों को समझाना है कि बच्चों को दिनभर बार-बार खाना खिलाने की जरूरत है। कुपोषण दूर करने सही दिशा में काम करने की जरूरत है।
सभी के सहयोग से आएगा बदलाव
मौर्य ने कहा कि कठिन क्षेत्रों में बेहतर उपलब्धि हासिल करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सुपर वाइजरों को इनाम दिया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग का काम मानव संसाधन बनाने का है। सब के सहयोग से बदलाव जरूर आएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी और जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने अपने विभागों की बाते रखीं। एसडीएम मोहला-मानपुर सीपी बघेल ने भी कार्यशाला को संबोधित किया।
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