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हुई थी शिकायत, जांच में गड़बड़ी का खुलासा, अब तक कार्रवाई नहीं

locationराजनंदगांवPublished: May 23, 2018 04:11:18 pm

Submitted by:

Nakul Sinha

जोंधरा सचिव पर मनमानी का आरोप

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हुई थी शिकायत, जांच में गड़बड़ी का खुलासा, अब तक कार्रवाई नहीं

राजनांदगांव / जोंधरा. छुरिया ब्लाक के आश्रित ग्राम पंचायत जोंधरा के सचिव पवन शर्मा की तानाशाही पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। बावजूद इसके उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई न होना आश्चर्य का विषय है।

सचिव के विरूद्ध प्रथम बार संपूर्ण ग्रामीणों द्वारा जिलाधीश व सीईओ छुरिया के समक्ष पहुंच कर 4 सितंबर 2017 को लिखित शिकायत की गई थी, जिसमें ग्रामीणों द्वारा सचिव पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने ग्राम के छह मजदूरों की छह दिन की फर्जी हाजिरी भर कर उनके नाम पर फर्जी मस्टररोल बनाया गया है।

शिकायत की 20 दिनों बाद जांच भी हुई पर जांच अधिकारी ने मात्र खानापूर्ति की एवं सचिव पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे ग्रामीण एकदम से खिन्न हो गए एवं ये मान गए कि शिकायत का भी कोई फायदा नहीं होता है।

इसके बाद ग्राम पंचायत जोंधरा में वार्ड 13 के पंच सुखबीर का मामला आया, जिसमें उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से लिखित में बताया कि उनके द्वारा आज से 10 माह पूर्व ही आश्रित ग्राम मोहगांव में आयोजित ग्राम सभा में पंच पद से इस्तीफा दे चुका हूं और तब से आज 15 मई 2018 तक मैं पंचायत द्वारा आयोजित किसी भी बैठक में भाग नहीं लिया हूं।

बावजूद इसके सचिव द्वारा मेरा यात्रा भत्ता अर्थात मिटिंग में उपस्थिति का राशि बनाया जा रहा है। इस संबंध में प्रतिनिधि द्वारा जब सचिव से जानकारी के लिए उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया तो नेटवर्क से बाहर बताया गया। जबकि पंचायती राज अधिनियम के तहत कोई भी पंच यदि पंचायत द्वारा आयोजित तीन मासिक बैठक में भाग नहीं लेता है, तो उनकी सदस्यता स्वमेव ही समाप्त मानी जाती है।
आज भी कोई प्रतिनिधि पंचायत नहीं पहुंचा
सचिव द्वारा न तो इस संबंध में शासन को न तो कोई जानकारी ही दी गई। आज भी वार्ड 13 का कोई प्रतिनिधि पंचायत में नहीं है। ऐसे गत पंचवर्षीय में वार्ड 8 की महिला पंच रश्मि मेश्राम मात्र एक वर्ष बाद ही सचिव से अनबन होने के चलते पंचायत की पूरी गतिविधियों यहां तक की बैठकों में भी कभी नहीं गई परन्तु चार वर्ष बीत जाने के बाद भी सचिव द्वारा कोई जानकारी जनपद पंचायत को नहीं दी गई और उक्त वार्ड में गत पंचवर्षीय में बिना पंच के ही रहा।
इसके पूर्व पंचवर्षीय में अशोक उइके जो कि उपसरपंच पंद पर दो वर्ष रहे उनकी भी सचिव के साथ अनबन होने पर ग्राम छोड़कर तीन वर्षों तक पलायन पर निकल गए, लेकिन इसकी भी जानकारी सचिव द्वारा शासन प्रशासन को नहीं दी गई और न ही उस वार्ड में पुन: चुनाव हो सका। बहरहाल सचिव द्वारा की जा रही तानाशाही के चलते यहां विकास कार्य ठप है। ग्रामीण अशोक भंडारी, राकेश मेश्राम, नंदु राम साहू, विरांगना महिला समूह व मोहगांव के ग्रामीणों ने सचिव पवन शर्मा को शासन से अन्यत्र स्थानांतरण की मांग की है।
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