महामंत्री शाहिद भाई ने बताया कि कोरोना महामारी से विश्व सहित हमारा देश प्रभावित व आतंकित है। लाखों लोग संक्रमित होकर हजारों की जाने जा चुकी है पर इस वैश्विक संक्रमण से लडऩे की कोई कार्य योजना केंद्र सरकार बनाने में विफल रही है। जब महामारी का प्रकोप बढऩे लगा तो आनन-फानन में बिना तैयारी सीधे लॉकडाउन की घोषणा ने देशवासियों के जीवन को, रोजगार को, उद्योग धंधे को, मजदूर साथियों को अन्य राज्य में प्रवासी लोगों सहित देश की अर्थव्यवस्था को धराशाही कर दिया है।
जनजीवन को पटरी पर लाना आवश्यक लॉकडाउन चार बार बढ़ाने के बाद भी केंद्र सरकार कोई राहत आम जनता को देने में पूरी तरह विफल रही है। आज देश के व्यापार सहित मजदूर व निम्न आय वर्ग के लोगों के समक्ष भूखो मरने की स्थिति निर्मित हो गई है। इससे जनता को राहत देकर जनजीवन को पटरी पर लाना आवश्यक है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश के 19 लाख 55 हजार 84 पंजीकृत कृषकों को 5700 करोड़ प्रदान करने करने जा रही है व अन्य राज्यों में फंसे लोगों श्रमिको को लाने ट्रेन लगाने, गरीबों को नि:शुल्क अन्न प्रदान कर राहत दी है।
कांग्रेसियों ने की यह मांग कांग्रेसियों ने मांग की है कि देश में प्रत्येक जरूरतमंदों, श्रमिको, निम्न आय वर्ग व्यक्तियों को नगद 10 हजार रू. उनके खाते में तत्काल राशि ट्रांसफर किये जाए। जरूरतमंदों को निरंतर 6 माह तक 7500/- रुपये उनके बैंक खाते में जमा कराये जाए। कोरोना संकट के कारण जिन मजदूरों को रोजगार के संकट का सामना करना पड़ा है उन्हें तत्काल रोजगार उपलब्ध कराया जाए। मनरेगा के तहत् मजदूरों के कार्य दिवस को बढ़ाकर 200 दिन किया जाए और श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान तत्काल किया जाए। सभी प्रवासी श्रमिकों के लिए बिना किसी शुल्क के परिवहन की व्यवस्था की जाकर उन्हें पर्याप्त सुरक्षा एवं रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराया जाए।
पीडि़तों के साथ करें न्याय कामगार, छोटे व्यापारियों, संगठित और असंगठित मजदूरों को तत्काल आर्थिक मदद लोन के रूप में नहीं बल्कि अनुदान के रूप प्रदान किया जाए। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई देश की पहली अभिनव योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तर्ज पर केन्द्र सरकार पूरे देश में न्याय योजना लागू कर पीडि़तों एवं प्रभावितों के साथ न्याय करें।