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दीक्षांत केवल शिक्षा की समाप्ति नहीं, बल्कि कला और साधना को समाज तक पहुंचा ऋण चुकाने का मौका- राज्यपाल

locationराजनंदगांवPublished: Apr 27, 2022 08:58:47 pm

Submitted by:

Shiv Singh

संगीत की दुनिया के प्रख्यात विश्वविद्यालयों में से एक खैरागढ़ के संगीत विवि का 16वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। बुधवार की शाम को आयोजित इस समारोह में राज्यपाल सहित कई विशिष्टजन पहुंचे। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को प्रेरक संबोधन देकर प्रोत्साहित किया।

दीक्षांत केवल शिक्षा की समाप्ति नहीं, बल्कि कला और साधना को समाज तक पहुंचा ऋण चुकाने का मौका- राज्यपाल

दीक्षांत समारोह में मंचस्थ राज्यपाल, उच्च शिक्षा मंत्री व अन्य विशिष्ट जन

खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विवि के 16वें दीक्षांत समारोह में पहुंची राज्यपाल अनुसुइया उइके ने पाश्र्वगायिका कविता कृष्णमूर्ति, पदमश्री उमा शर्मा, प्रसिद्ध संगीतज्ञ पं विद्याधर व्यास, प्रों देवेन्द्र राज अंकुर, सहित लोककलाकार दिलीप षढंगी को विवि की ओर से मानद डीलिट की उपाधि से सम्मानित किया।
विवि परिसर दो के प्रेक्षागृह में आयोजित दीक्षांत समारोह में विवि के 39 छात्र-छात्राओं को स्वर्णपदक एक को रजत पदक, 40 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधि, 4 छात्र-छात्राओं को डी-लिट की उपाधि प्रदान की। कार्यक्रम में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, सांसद संतोष पांडे, खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा, विवि कुलपति ममता चंद्राकर, कुलसचिव आईडी तिवारी सहित विभिन्न अतिथिगण, प्राध्यापक, जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक, छात्र मौजूद रहे।
साधना की शुरूआत दीक्षांत
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि संगीत विवि में ख्यातिप्राप्त अतिथियों का सम्मान करना सौभाग्य है, जिन्हें केवल देखा और सुना था, ऐसे मूर्धन्य कलाकारों का सम्मान करने का अवसर मिल रहा है। उइके ने कहा कि ख्यातिप्राप्त हस्तियों को एक जगह पर संजोना एतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण है। संगीत विवि में ऐसा अवसर मिलना सौभाग्य है। पदक और डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को संबोधित करते राज्यपाल उइके ने कहा कि शिक्षा के साथ अपने क्षेत्र में लगातार कर्म करना आवश्यक है। तभी आप सफल हो पाएगे।
उइके ने सभी छात्रों और कलाकारों को शुभकामना देते हुए कहा कि कलाकारों की नैतिक जिम्मेदारी है कि कला की शिक्षा और साधना को आगे बढ़ाएंगे। उइके ने कहा कि बंधनमुक्त कला और कलाकार प्रेम और सदभाव की शिक्षा का संदेश देते है। उइके ने कहा कि दीक्षांत केवल शिक्षा की समाप्ति नहीं बल्कि शिक्षा की सीख और कला की साधना का सदुपयोग कर समाज और परिवार को लौटाकर ऋण चुकाने की प्रक्रिया है।
राज्यपाल उइके ने कहा कि जीवन में यह शिक्षा काम आएगी। संगीत विवि जैसे अनूंठे विवि से प्राप्त शिक्षा संगीत ललित कला भावी जीवन में उपयोगी साबित होगी। देश-विदेश में नया पहचान दिलाएगी। राज्यपाल ने सभी छात्रों को भारतीय संस्कृति का ध्वजवाहक बन सकारात्मक बदलाव लाने और अपनी संस्कृति के लिए कार्य करने की प्रेरणा दी। दीक्षांत भाषण देते प्रसिद्ध संगीतज्ञ पं विद्याधर व्यास ने भी संबोधित करते कहा कि संगीत विवि ने पहली बार संगीत, नृत्य, गायन के साथ साथ रंगमंच के क्षेत्र में कलाकारों को सम्मानित कर नई शुरूआत की है।
दीक्षांत समारोह को उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, सांसद संतोष पांडे सहित पाश्र्वगायिका कविता कृष्णमूर्ति, उमा शर्मा, दीलिप षंढंगी देवेन्द्र राज अंकूर ने भी संबोधित करते संगीत विवि के प्रति आभार जताया। इस दौरान 494 छात्र-छात्राओं को स्नातकोत्तर और 261 छात्र-छात्राओं को स्नातक की उपाधि भी प्रदान की गई।
देर शाम हुआ महोत्सव का शुभारंभ
दीक्षांत समारोह के बाद देर शाम को विवि के परिसर दो खैरागढ़ महोत्सव का रंगारंग शुभांरभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया। इस दौरान विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी किया गया। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, विधायक यशोदा वर्मा सहित कुलपति ममता चंद्राकर सहित विवि के अधिकारी मौजूद रहे। देर रात खैरागढ़ महोत्सव के शुभारंभ के साथ पाश्र्वगायिका कविता कृष्णमूर्ति ने सुमधुर गीतों की प्रस्तुति देकर शमां बांधा।

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