कार्रवाई करने पहुंचे निगम के अमला के साथ नर्सिंग होम संचालक के साथ इस मामले को लेकर काफी बहस भी हुई। निगम आयुक्त चन्द्रकांत कौशिक ने बताया कि तुलसी नर्सिंग होम संचालक द्वारा अस्पताल के कूड़े करकट को सही तरीके से ठिकाने ना लगाने के कारण घातक बीमारी फैलने की आशंका हो सकती थी। अस्पतालों से दूषित रूई, प्लास्टर ड्रेसिग एवं शल्य चिकित्सा उपयोग किए गए नीडिल जैसे कचरे से घातक बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है।
निगम ने 16 अप्रैल को उन्हें नोटिस दी थी आयुक्त कौशिक ने बताया कि जैव अपशिष्ट प्रबंधन के तहत अस्पताल प्रबंधन को उचित ढंग से निपटारा करने का प्रावधान है लेकिन तुलसी नर्सिंग होम के द्वारा जैव अपशिष्ट का उचित ढंग से निपटारा नहीं किया जा रहा था और मेडिकल अपशिष्ट को डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वालों को सौंप दिया जाता था जिसे नगर निगम ने संज्ञान में लेते हुए 16 अप्रैल को पहले उन्हें नोटिस दी गई थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते उक्त कार्य का संपादन नहीं किया गया था। आयुक्त ने कहा कि लापरवाही के चलते नगर निगम द्वारा तुलसी नर्सिंग होम में दबिश दी गई और नर्सिंग होम पर 10 हजार का जुर्माना लगाया गया।
उचित कार्रवाई की जाएगी निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक ने बताया कि जैव अपशिष्ट का उचित ढंग से निपटारा नहीं किए जाने पर तुलसी नर्सिंग होम प्रबंधन पर 10 हजार का अर्थदंड वसूला गया है और अस्पताल प्रबंधक को समझाइश दी है कि जैव अपशिष्ट का उचित ढंग से निपटारा करने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।