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यूपी बिहार की तरह CG में पहली बार पार्षद चुनाव के दौरान जमकर हंगामा, आपस में भिड़े भाजपाई-कांग्रेसी

locationराजनंदगांवPublished: Jun 25, 2018 01:35:40 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

नगर निगम अध्यक्ष शिव वर्मा के भीतर प्रवेश को लेकर माहौल एक बार फिर गर्माया और कांग्रेसियों ने उन्हें बाहर निकालने और कार्रवाई करने को लेकर नारे लगाए।

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यूपी बिहार की तरह CG में पहली बार पार्षद चुनाव के दौरान जमकर हंगामा, आपस में भिड़े भाजपाई-कांग्रेसी

राजनांदगांव. इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के पूर्व राजनांदगांव के एक वार्ड में हुए उपचुनाव में अपनी जीत के लिए सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस ने जमकर पसीने बहाए। रविवार को २५९७ वोटर वाले वार्ड नंबर 26 के तीन बूथो में 1770 (68.15 प्रतिशत) मत पड़े।
सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान के बाद इव्हीएम को प्रशासन ने सील कर स्ट्रांग रूम में रख दिया है। अब २७ जून को मतगणना होगी। यहां भाजपा के नादान सेन और कांग्रेस के एजाज अंसारी के बीच सीधा मुकाबला है। राजनांदगांव के भरकापारा, रामाधीन मार्ग, कामठी लाइन को जोड़कर बने वार्ड नंबर २६ में कांग्रेस पार्षद शकील अंसारी के निधन के चलते यह सीट खाली हुई थी।
शहर में मामू के नाम से पहचान बनाने वाले शकील के निधन के बाद होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने इस बार शकील के छोटे भाई एजाज अंसारी को अपना उम्मीदवार बनाया था, जबकि भाजपा ने नादान सेन पर भरोसा जताया था। रविवार को कन्या प्राथमिक शाला भरकापारा में बनाए गए तीन मतदान केन्द्रों में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में गहमागहमी और दोनों पार्टियों ेक कार्यकर्ताओं के झगड़े के बीच मतदान का काम निपटा।
पार्षद के साथ झूमाझटकी
नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ता एक दो बार आपस में भिड़ भी गए। किसी बात को लेकर शुरू हुए विवाद को खत्म करने के लिए मौके पर पहुंचे भाजपा पार्षद मनोज लोढ़ा के साथ कुछ लोगों ने झूमाझटकी भी की। इस दौरान निगम में नेता प्रतिपक्ष हफीज खान ने बीच-बचाव किया। पता चला है कि भीड़ में कुछ लोगों ने हाथ भी साफ कर लिए।
वार्ड नंबर 26 के पार्षद पद का फैसला अब मतगणना के दिन यानि 27 जून को होगा, लेकिन मतदान के बाद से ही कयासों का दौर शुरू हो गया है। शहर के कामठी लाइन, दिल्ली दरवाजा, रामाधीन मार्ग से लेकर भरकापारा, कमल टॉकीज और पुराना गंज चौक के कई हिस्सों में सिमटे इस वार्ड के लिए बनाए गए तीन केन्द्रों में अलग अलग हिस्सों के मतदान केन्द्रों में वोटिंग के प्रतिशत के साथ ही लोगों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया है कि किस क्षेत्र के वोट ज्यादा पड़े और उसका क्या नफा-नुकसान होगा।
जीत तय है
कांग्रेस उम्मीदवार एजाज अंसारी ने कहा कि वार्ड के लोगों के हित में किए गए उनके दिवंगत भाई शकील अंसारी के काम और कांग्रेसजनों की मेहनत के चलते उनकी जीत तय है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने यहां के मतदाताओं को रिझाने के लिए कई उपाय किए लेकिन आखिर में जनता का फैसला उनके ही पक्ष में आएगा।
हम ही जीतेंगे
भाजपा उम्मीदवार नादान सेन ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हो रहे कार्यों की बदौलत और नगर निगम में महापौर मधुसूदन यादव के नेतृत्व में भाजपा की सरकार द्वारा किए गए विकास कामों के चलते वे जीतेंगे। उन्होंने कहा कि जीत के बाद वार्ड में रूकी विकास की गति को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।
कई बार बनी हंगामे की स्थिति
भरकापारा के मतदान केन्द्र से सौ मीटर की दूरी पर दोनों पार्टियों के पंडाल लगाए गए थे, जहां से वे अपने वोटरों को पर्चियां देने का काम कर रहे थे लेकिन पंडाल से परे मतदान केन्द्र के प्रमुख द्वार के पास दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता लगातार डटे रहे और नारेबाजी होती रही। केन्द्र के बाहर दोनों उम्मीदवार वोटरों के अभिवादन के लिए एक साथ मौजूद रहे।
कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता एक दूसरे के खिलाफ माहौल बनाने का काम करते रहे। सुबह मतदान शुरू होने के कुछ समय बाद ही मतदान केन्द्र में दिगर लोगों के प्रवेश को लेकर शुरू हुआ विवाद मतदान की समाप्ति तक थोड़ी थोड़ी देर में हल्ले की शक्ल में बाहर आता रहा।
आपस में भिड़े कांग्रेसी-भाजपाई
मतदान केन्द्र के बाहर तैनात पुलिस कर्मियों के अलावा निर्वाचन से जुड़े लोग एक एक मतदाता का पहचान पत्र या फिर मतदान पर्ची देखकर भीतर जाने दे रहे थे लेकिन मतदान के आखिर दौर में नगर निगम अध्यक्ष शिव वर्मा के भीतर प्रवेश को लेकर माहौल एक बार फिर गर्माया और कांग्रेसियों ने उन्हें बाहर निकालने और कार्रवाई करने को लेकर नारे लगाए। वर्मा को बाहर निकालने पार्षद कुलबीर सिंह छाबड़ा भीतर गए, इसके बाद भाजपाई नारे लगाते रहे।
मतदान केन्द्र के बाहर जमकर नारेबाजी
मतदान के आखिरी दौर में कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता मतदान स्थल के बाहर जमा हो गए और करीब घंटे भर तक दोनों ने जमकर नारेबाजी की। कांग्रेसी जहां, कांग्रेस के पक्ष में नारे लगा रहे थे, वहीं भाजपाई भाजपा की जीत के नारे लगा रहे थे। मतदान केन्द्र से सौ मीटर दूरी पर किसी तरह की नारेबाजी या हल्ला पर प्रतिबंध होने का दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ा और पुलिस की रोक के बाद भी कार्यकर्ता नारे लगाते रहे।
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