श्रम विभाग से मिली सहायता
राम बाई पहले गांव की महिला समूह से जुड़ी, फिर समूह के साथ कार्य शुरू की। बिहान योजना के तहत ग्रामीण आजिविका मिशन योजना के तहत रामबाई ने अपने पति के लिए ई रिक्शा लेने की ठानी। बिहान के कार्यकर्ताओं ने रामबाई के प्रयास को आगे बढ़ाया। श्रम विभाग द्वारा सहायता मिलने के बाद रामबाई ने दस हजार की पूंजी लगाकर बैंक से ऋण लेकर ई रिक्शा ली।
राम बाई पहले गांव की महिला समूह से जुड़ी, फिर समूह के साथ कार्य शुरू की। बिहान योजना के तहत ग्रामीण आजिविका मिशन योजना के तहत रामबाई ने अपने पति के लिए ई रिक्शा लेने की ठानी। बिहान के कार्यकर्ताओं ने रामबाई के प्रयास को आगे बढ़ाया। श्रम विभाग द्वारा सहायता मिलने के बाद रामबाई ने दस हजार की पूंजी लगाकर बैंक से ऋण लेकर ई रिक्शा ली।
राम बाई वर्मा खुद ई रिक्शा का संचालन ठेलकाडीह से मोहारा मार्ग पर यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचा रही है। कमाई में शुरू में परेशानी आने के बाद अब रामबाई व्यवस्थित कारोबार होने से परिवार का भरण पोषण कर राशि भी बचा रही है।
पति ने किया मना तो खुद चला रही रिक्शा
ग्राम संगठन बिहान से प्रोत्साहन मिलने के बाद रामबाई ने पति के लिए रिक्शा खरीदी जरूर लेकिन पति को रिक्शा चलाना नही जम पाया। ई रिक्शा चलाने से पति द्वारा मना करने पर रामबाई ने खुद बीड़ा उठाया और ठेलकाडीह से मोहारा मार्ग पर गांव के यात्रियो को गंतव्य तक पहुँचाने कार्य शुरू किया। राम बाई ने बताया कि रोजाना तीन से पांच सौ तक की कमाई से परिवार के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने में आसानी हो रही है।
ग्राम संगठन बिहान से प्रोत्साहन मिलने के बाद रामबाई ने पति के लिए रिक्शा खरीदी जरूर लेकिन पति को रिक्शा चलाना नही जम पाया। ई रिक्शा चलाने से पति द्वारा मना करने पर रामबाई ने खुद बीड़ा उठाया और ठेलकाडीह से मोहारा मार्ग पर गांव के यात्रियो को गंतव्य तक पहुँचाने कार्य शुरू किया। राम बाई ने बताया कि रोजाना तीन से पांच सौ तक की कमाई से परिवार के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने में आसानी हो रही है।
यात्री करते है अब इंतजार
रामबाई ने चर्चा के दौरान बताया कि शुरूआत में लोगों को ई रिक्शा में लाने लेजाने फरियाद करनी पड़ती थी। अब रोजाना आवागमन होने से पूरे इलाके में सड़कों पर लोग उनकी रिक्शा का इंतजार करते है। इसमें खासकर महिला यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है, स्कूली बच्चे के साथ अन्य लोग भी उनके साथ सफर करते है। इसके अलावा इलाके के गांवों से महिला समूहों के खैरागढ़ जनपद, महिला बाल विकास विभाग आने जाने की बुंकिंग भी उन्हे ही मिलती है।
रामबाई ने चर्चा के दौरान बताया कि शुरूआत में लोगों को ई रिक्शा में लाने लेजाने फरियाद करनी पड़ती थी। अब रोजाना आवागमन होने से पूरे इलाके में सड़कों पर लोग उनकी रिक्शा का इंतजार करते है। इसमें खासकर महिला यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है, स्कूली बच्चे के साथ अन्य लोग भी उनके साथ सफर करते है। इसके अलावा इलाके के गांवों से महिला समूहों के खैरागढ़ जनपद, महिला बाल विकास विभाग आने जाने की बुंकिंग भी उन्हे ही मिलती है।
प्रशासन से मिला सहयोग
रामबाई वर्मा बताती है कि शुरूआत में ठेलकाडीह से मोहारा मार्ग पर ई रिक्शा से सवारी लाने ले जाने के दौरान मार्ग पर चलने वाली बस कंंपनी करणीमाता के संचालक द्वारा ई रिक्शा बंद करने काफी धमकी-चमकी के साथ जान से मारने की धमकी भी दी गई। रामबाई ने इसकी जानकारी प्रशासन के आला अधिकारियों को दी। प्रशासन ने भी मामले में सहयोग किया और बस मालिक को सीधे समझाइश दी जिसके बाद बस मालिक ने रामबाई को टोकना बंद कर दिया।
रामबाई वर्मा बताती है कि शुरूआत में ठेलकाडीह से मोहारा मार्ग पर ई रिक्शा से सवारी लाने ले जाने के दौरान मार्ग पर चलने वाली बस कंंपनी करणीमाता के संचालक द्वारा ई रिक्शा बंद करने काफी धमकी-चमकी के साथ जान से मारने की धमकी भी दी गई। रामबाई ने इसकी जानकारी प्रशासन के आला अधिकारियों को दी। प्रशासन ने भी मामले में सहयोग किया और बस मालिक को सीधे समझाइश दी जिसके बाद बस मालिक ने रामबाई को टोकना बंद कर दिया।