अन्य में स्थिति खराब
पॉल का आरोप है कि शिक्षा विभाग के द्वारा नगर-निगम क्षेत्र में लगभग 30 सुविधाविहिन निजी स्कूलों को अनुमति/मान्यता दिया गया है, जबकि इन स्कूलों को वर्ष 2016 के बाद बंद कर दिया जाना चाहिए था। इस संबंध में स्कूल शिक्षा सचिव के द्वारा भी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर ऐसे निजी स्कूलों में आरटीई के बच्चों को प्रवेश नहीं दिलवाने के संबंध में निर्देशित किया गया था, लेकिन शिक्षा विभाग के मान्यता कक्ष में बैठे जिम्मेदार लोगों के द्वारा न तो अपने उच्च अधिकारियों की बातों पर ध्यान दिया और न कानून में उल्लेखित प्रावधानों को पालन करवाया गया।
पॉल का आरोप है कि शिक्षा विभाग के द्वारा नगर-निगम क्षेत्र में लगभग 30 सुविधाविहिन निजी स्कूलों को अनुमति/मान्यता दिया गया है, जबकि इन स्कूलों को वर्ष 2016 के बाद बंद कर दिया जाना चाहिए था। इस संबंध में स्कूल शिक्षा सचिव के द्वारा भी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर ऐसे निजी स्कूलों में आरटीई के बच्चों को प्रवेश नहीं दिलवाने के संबंध में निर्देशित किया गया था, लेकिन शिक्षा विभाग के मान्यता कक्ष में बैठे जिम्मेदार लोगों के द्वारा न तो अपने उच्च अधिकारियों की बातों पर ध्यान दिया और न कानून में उल्लेखित प्रावधानों को पालन करवाया गया।
आयुक्त नगर-निगम, चंद्रकांत कौशिक ने कहा कि शिकायत के बाद जांच के लिए पहुंचे थे। वहां बच्चों की दर्ज संख्या के हिसाब से जगह की कमी है। बच्चे जान-जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है।