कलेक्टर ने कहा कि तेन्दूपत्ता संग्राहक, मनरेगा, जनधन योजना के तहत खोले गए खाते एवं किसानों द्वारा धान विक्रय के लिए राशि भुगतान के खाते, श्रम विभाग, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना एवं विभिन्न योजनाओं के तहत खोले गए खातों की जानकारी लें एवं 15 दिन के बाद प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने सभी बैंक के प्रतिनिधियों को वित्तीय समावेशन के लिए शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए।
शाखा और कियोस्क के माध्यम से उपलब्ध कराना है एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक फैलो ज्योति सिंह ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से टारगेटेड फाइनेंशियल इन्क्लूसन इन्टरवेंशन प्रोग्राम (टीएफआईआईपी) के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय समावेशन का उद्देश्य प्रत्येक गांव के 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक की सुविधा, शाखा एवं कियोस्क के माध्यम से उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही वित्तीय समावेशन के लिए चिन्हांकित कार्य के सूचकांक को बढ़ाना है और माईक्रो क्रेडिट एवं माईक्रो इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देना है। भारतीय रिजर्व बैंक के गाइडलाइन के अनुसार ग्रिवेंश रिडेशल सिस्टम को मजबूत बनाना है। उन्होंने फेस-1 एवं फेस-2 में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
किया गया चयन उल्लेखनीय है कि नीति आयोग द्वारा 114 आकांक्षी जिलों का चयन किया गया है। जिनमें से 40 जिलों में वित्तीय समावेशन के लिए कार्य किया जा रहा है। लीड बैंक प्रबंधक, नाबार्ड, एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बडौदा के प्रतिनिधि उपस्थित थे।