ज्ञात हो कि शहर में एक कोरोना पॉजीटिव मरीज सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए पेंड्री में तैयार हुए नवनिर्मित भवन में ६० बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। हालांकि पॉजीटिव मरीज को वहां शिफ्ट करने से पहले ही वह ठीक होकर घर वापस लौट गया है, लेकिन संदिग्धों की जांच के लिए वहां ओपीडी सुविधा शुरू की गई है। ओपीडी में लगातार एक टीम १० दिनों तक ड्यूटी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के पास 5 सौ डाक्टरों की सूची
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार उनके पास जिलेभर से 5 सौ सरकारी व निजी डाक्टरों की उपलब्धता है। आवश्यकता अनुसार इनका उपयोग उपयोग स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा।
जान जोखिम में डालकर कोरोना संदिग्धों की जांच व इलाज में जुटे डाक्टर प्रकाश खुंटे और स्टाफ नर्स रत्ना निषाद, रितु देशमुख, लीना, अर्चना नंद, अहिल्या व एस मार्टिन शामिल रहीं। इसके अलावा चतुर्थ वर्ग में रमला कन्नौजे सोहन, हेमंत ठाकुर व अश्वनी यादव शामिल रहे। इन्होंने सुबह-शाम और रात में अलग-अलग शिफ्ट में कोरोना संदिग्धों की सेवा में अपने परिवार से दूर रहते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल पेंड्री में सेवा दिए। ये भी हमारे जिले के कोरोना वारियर्स हैं, जो परिवार से दूर रहते हुए जान जोखिम में डालकर कोरोना को हराने में अपनी अहम भूमिका निभाएं हैं।