यादव के व्यवहार के चलते होटल चल पड़ा
परिवार चलाने यादव ने नया व्यवसाय करने की ठानी और अपने गांव श्यामपुर में घर पर ही होटल खोल लिया। होटल खोलने से लेकर चलाने में परिवार वालों ने पूरा सहयोग किया। आज यादव होटल में अच्छी बिक्री कर लेता है। गांव में एक भी होटल नही होने के कारण दुकान अच्छा चलता है। यादव मुंशी रहने के आलावा समय निकालकर रामायण जश गाने भी जाते है जिससे उनका परिचय अधिकतर लोगों के साथ है। यादव का व्यवहार बहुत अच्छा है जिसके चलते छुईखदान नगर के लोग भी उनके गांव में जाकर उनके पास से समान खरीदते है।
परिवार चलाने यादव ने नया व्यवसाय करने की ठानी और अपने गांव श्यामपुर में घर पर ही होटल खोल लिया। होटल खोलने से लेकर चलाने में परिवार वालों ने पूरा सहयोग किया। आज यादव होटल में अच्छी बिक्री कर लेता है। गांव में एक भी होटल नही होने के कारण दुकान अच्छा चलता है। यादव मुंशी रहने के आलावा समय निकालकर रामायण जश गाने भी जाते है जिससे उनका परिचय अधिकतर लोगों के साथ है। यादव का व्यवहार बहुत अच्छा है जिसके चलते छुईखदान नगर के लोग भी उनके गांव में जाकर उनके पास से समान खरीदते है।